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पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत — खेल के मैदान से लौटे, बारूद में खो गए सपने

अफगानिस्तान से एक दर्दनाक खबर आई है। पाकिस्तान की कथित एयरस्ट्राइक में तीन युवा अफगान क्रिकेटरों की मौत हो गई। ये वो खिलाड़ी थे, जो कुछ घंटे पहले तक गेंद और बल्ले से खेल के मैदान में थे — और लौटते वक्त बारूद की आग में समा गए। घटना शुक्रवार शाम की है। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के उरगुन ज़िले में पाकिस्तान की तरफ से किए गए हवाई हमले में कबीर (उर्फ कबीर आघा), सिबघतुल्लाह और हारून नाम के तीन क्रिकेटरों समेत कुल आठ लोग मारे गए। ये सभी एक स्थानीय क्रिकेट मैच खेलकर शराना से घर लौटे थे। परिवार और दोस्तों के साथ बैठकर जीत का जश्न मनाने ही लगे थे कि ऊपर से मौत बरस पड़ी।

“हमले के वक्त बच्चे खेल रहे थे…”

स्थानीय लोगों के मुताबिक, हमला इतना अचानक था कि कोई संभल नहीं पाया। चंद सेकंडों में पूरा इलाका राख हो गया। “हमले के वक्त बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, कबीर और उसके साथी बस कुछ ही दूर थे। धुआं उठा तो सब खत्म हो चुका था,” — एक चश्मदीद ने स्थानीय मीडिया को बताया।

ACB का गुस्सा — “पाकिस्तान की कायराना हरकत”

अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इस हमले को “पाकिस्तान की कायराना हरकत” बताया है। बोर्ड ने ऐलान किया कि अफगानिस्तान अब पाकिस्तान में होने वाली नवंबर की त्रिकोणीय T20 सीरीज़ (पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ) में हिस्सा नहीं लेगा। “यह हमला सिर्फ क्रिकेटरों पर नहीं, अफगानिस्तान की खेल आत्मा पर हमला है,” — ACB का बयान।

राशिद खान और मोहम्मद नबी भी टूटे

अफगानिस्तान के स्टार ऑलराउंडर राशिद खान ने सोशल मीडिया पर लिखा “यह हमला अमानवीय और बर्बर है। हमारे क्रिकेटर सिर्फ खिलाड़ी नहीं थे, वे देश की उम्मीद थे। हमारी गरिमा सबसे ऊपर है।” वहीं पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी ने कहा, “हमने अपने भाई, साथी और भविष्य के सितारों को खो दिया है। यह पूरा अफगान क्रिकेट परिवार के लिए शोक का दिन है।”

एयरस्ट्राइक

कौन थे ये तीन क्रिकेटर?

कबीर (कबीर आघा) : उरगुन का रहने वाला, टॉप ऑर्डर बल्लेबाज, जो अपनी आक्रामक शैली के लिए मशहूर था।

सिबघतुल्लाह : तेज़ गेंदबाज, जिसने हाल ही में क्षेत्रीय टूर्नामेंट में अपनी गेंदों से सबको चौंकाया था।

हारून : एक युवा ऑलराउंडर, जो क्रिकेट के साथ-साथ बच्चों को कोचिंग भी देता था।

तीनों ही खिलाड़ी अब उस सपने का हिस्सा बन गए हैं, जो अधूरा रह गया।

सीमा पर बढ़ता तनाव

यह हमला उस वक्त हुआ जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव पहले से ही चरम पर है। दोनों देशों के बीच हाल में हुई झड़पों के बाद 48 घंटे का सीज़फायर घोषित किया गया था, जिसे इस हमले ने तोड़ दिया। पाकिस्तान का दावा है कि उसने हाफ़िज़ गुल बहादुर ग्रुप पर निशाना साधा था, लेकिन अफगानिस्तान का कहना है कि मारे गए लोग आम नागरिक और खिलाड़ी थे।

“खेल कभी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए” अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत ने भी इस हमले की निंदा की है। ICC और कई क्रिकेट बोर्ड्स ने बयान जारी कर कहा — “क्रिकेट शांति का प्रतीक है। खिलाड़ियों को युद्ध की आग में नहीं झोंका जा सकता।”

एक अधूरा सपना, जो राख में बदल गया

कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून जैसे खिलाड़ी उस पीढ़ी से थे जो युद्ध के बीच भी क्रिकेट को उम्मीद की तरह जी रहे थे। लेकिन अब उनके बल्ले और बॉल वहीं पड़े हैं — उस ज़मीन पर, जहाँ एक वक्त खेल की आवाज़ गूंजती थी, और अब सिर्फ सन्नाटा है।

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