पिछले कई सालों से बाजार में ऐसे ड्रिंक्स बिक रहे थे जो ‘ORS’ नाम के साथ पैक किया जाता था।इन्हें मेडिकल स्टोर्स, किराना, यहां तक कि अस्पतालों में भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा था। मिठास, फ्रूट फ्लेवर और खूब सारे ब्रांड;लेकिन असली ORS फॉर्मूले वाला इलाज इनमें नहीं था। ज्यादातर कंपनियाँ “ORS” नाम बेचने में लगी थीं, जबकि उनके ड्रिंक में 10 गुना ज्यादा शुगर और कम इलेक्ट्रोलाइट्स मिलते थे। असलियत तब सामने आई जब कई बच्चे और मरीज दुकानों से “ORS Drink” ले गए और वो बीमार हो गए।
कैसे बढ़ा विवाद?
हैदराबाद की डॉक्टर सिवरांजनी संतोश पिछले 8 साल से इस फेक लेबलिंग के खिलाफ लड़ रही थीं। सोशल मीडिया, याचिका और सीधा FSSAI पर दबाव डालकर उन्होंने यह दिखाया कि किस तरह बच्चों और मरीजों के साथ धोखा हो रहा है। कई बच्चे, जिनको डायरिया या बर्न के बाद शरीर में पानी की कमी थी, उन्हें मेडिकल ORS के बजाय वही पैकेट वाला ड्रिंक दिया गया जिसमें असली रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन का फॉर्मूला ही नहीं था। उनकी जर्नी देशभर के माता-पिता के लिए चेतावनी साबित हुई।

सरकार का फैसला: अब कोई कंपनी “ORS” शब्द नहीं बेच सकेगी
15 अक्टूबर 2025 को FSSAI ने सख्त आदेश जारी करते हुए बोला—कोई भी ब्रांड, कोई भी ग्रोसरी, फ्रूट जूस, इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक, या रेडी-टू-ड्रिंक प्रोडक्ट अपने नाम, लेबल, पैकिंग, या विज्ञापन में “ORS” नहीं लिख सकेगा, जब तक WHO का असली फॉर्मूला न हो।
पुराने आदेश, जिसमें डिस्क्लेमर की छूट थी, सब वापस ले लिया गया। अब सिर्फ मेडिकल दुकान, फार्मा ब्रांड और डॉक्टर द्वारा दिया गया WHO अप्रूव्ड ORS ही मार्केट में मिलेगा।
असर: कौन-कौन ब्रांड बाहर, क्या बदल जाएगा?
सभी लोकल और नेशनल ब्रांड, जिनका ORS ड्रिंक था—सबको रीलबलिंग, नया नाम और नई फॉर्मूला की प्रक्रिया करनी होगी।दुकानें और मेडिकल स्टोर्स को आदेश दिया गया—फेक ORS या फ्लेवर्ड ORS बेचने पर लाइसेंस-सीज़ और भारी जुर्माना लगेगा।जिन मरीजों और बच्चों को फेक ORS की वजह से नुकसान हुआ था, उनकी सुरक्षा अब बढ़ेगी।असली ORS—जिसमें सटीक शुगर, इलेक्ट्रोलाइट और सॉल्ट बैलेंस हो, वही WHO स्टैण्डर्ड रहेगा।
पब्लिक हेल्थ और भविष्य
अब असली ORS—डायरिया, डिहाइड्रेशन, बर्न या मेडिकल एमरजेंसी में जान बचाने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण के साथ बिकेगा।
फेक प्रोडक्ट, मार्केटिंग और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर शिकंजा कस गया है।
डॉक्टर, मरीज और माता-पिता—सबको राहत मिली है; बच्चों की जान बचाने में ये आदेश महत्वपूर्ण शाबित होगा।
जनता की जीत
अब से भारत में ‘ORS’ सिर्फ असली इलाज रहेगा, न कि मीठा धोखा! डॉक्टर सिवरांजनी और जागरूक लोगों की मेहनत से FSSAI के इस फैसले ने देशभर में 8 साल का संघर्ष जीत में बदल दिया।
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