Flagship Tablet 2025 – Oppo Pad 5 के साथ अब सिर्फ मिड-रेंज नहीं रह गया

Oppo Pad 5

जब दुनियाभर के टैबलेट बाजार में Oppo ने अब तक मिड-रेंज मॉडल्स से कदम रखा था, वहीं अब वो एक बड़े बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बदलाव की कहानी 16 अक्टूबर 2025 की लीक्स के साथ सामने आई—जब Oppo Pad 5 की लॉन्चिंग डेट और स्पेसिफिकेशन्स सार्वजनिक हुईं।  अब सवाल ये है: क्या यह टैबलेट वास्तव में आपके अगले “फ्लैगशिप टैबलेट” की खोज को समाप्त कर देगा?

डिजाइन और डिस्प्ले: देखने में प्रीमियम, उपयोग में स्मूथ

Oppo Pad 5 का मंच तैयार हो चुका है—12.1 इंच 3K+ (≈3000×2120 पिक्सल) LCD डिस्प्ले के साथ, 144 Hz रिफ्रेश रेट की घोषणा हुई है।  स्लिम बॉडी और हल्के वज़न (लगभग 579 ग्राम) इसे रोज़मर्रा के काम, गेमिंग और मल्टीमीडिया उपयोग के लिए सहज बनाते हैं।  साथ ही, TÜV Rheinland की आई-केयर और डिमिंग टेक्नोलॉजी इस टैबलेट को आंखों के लिहाज़ से बेहतर विकल्प बनाती है।

परफॉर्मेंस: चिपसेट, मेमोरी और स्टोरेज का टॉप कॉम्बो

हृदय में है MediaTek Dimensity 9400+ (3nm) चिपसेट, जो बेहद कम प्रोसेस फाइनेंसिंग में हाई-परफॉर्मेंस देने का दावा करता है।  RAM 8 GB से लेकर 16 GB तक, और स्टोरेज 128 GB से लेकर 512 GB तक हो सकती है—उपयोगकर्ता के अनुसार विकल्प हैं।  Android 16-बेस्ड ColorOS 16 (या बाद में अपडेट) के साथ, मल्टीटास्किंग और क्रिएटिव वर्क में इस टैबलेट की क्षमता को हाई माना जा रहा है।

Oppo Pad 5

बैटरी, चार्जिंग और कनेक्टिविटी

लीक्स के अनुसार इस टैबलेट में 10,000 mAh के करीब बैटरी पैक की जा सकती है—जिसमें 67 W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट है।  Wi-Fi 6, Bluetooth 5.4, USB-C ऑडियो आउट, NFC जैसे फीचर्स इसे भविष्य-उन्मुख बनाते हैं।

इस संयोजन का मतलब है: गेमिंग, वीडियो कॉल, वर्क मीटिंग—एक टैबलेट में बिना लगातार चार्ज की चिंता के।

कैमरा, ऑडियो और एक्स्ट्रा फीचर्स

हालाँकि कैमरा इस टैबलेट का मुख्य हाइलाइट नहीं है, लेकिन 8MP रियर व 8MP फ्रंट कैमरा का अनुमान है—वीडियो कॉल और हल्की फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त।  ऑडियो लेवल पर Hi-Res सर्टिफाइड स्पीकर्स और USB-C ऑडियो आउट इसे मल्टीमीडिया प्रेमियों के लिए खास बनाते हैं।

भारत में क्या होगा और क्या चुनौतियाँ?

भारत में इस टैबलेट के आने की संभावना सामने आई है—उम्मीद है कि कीमत ₹39,990 के आस-पास हो सकती है।  हालांकि, लॉन्च डेट, भारत-स्पेसिफिक वेरिएंट्स, सर्विस नेटवर्क और प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स (जैसे Samsung, Xiaomi, OnePlus) की मौजूदगी जैसी चुनौतियाँ बनी हैं।

क्या यह “अगला बेंचमार्क” है?

अगर आप एक ऐसे टैबलेट की तलाश में हैं जो गेमिंग, स्टडी, क्रिएटिव वर्क और मल्टीमीडिया—सब कुछ सही-सही कर सके, तो Oppo Pad 5 एक बेहद दमदार विकल्प बन जाता है। डिजाइन, परफॉर्मेंस और फीचर्स का मिश्रण इसे “फ्लैगशिप टैबलेट” की श्रेणी में रखता है। अब बारी है—लॉन्च के बाद भारत में मिलने वाले रियल-लाइफ वेरिएंट, कीमत और सर्विस को परखने की।

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Vivo pad 5e launched – आ गया एक ऐसा टैबलेट जो कर देगा बाकियों की छुट्टी

Vivo pad 5e

2025 के अक्टूबर में Vivo ने चीन में अपनी टैबलेट लाइफ को और आगे बढ़ाया—Vivo Pad 5e के लॉन्च से टैबलेट मार्केट में नए जमाने की शुरुआत हुई। उसी इवेंट में Vivo ने अपने नए फ्लैगशिप फोन X300 और Watch GT 2 भी पेश किए। Vivo ने Pad 5e को “all-in-one power tablet” का टैग दिया है—एक ऐसा डिवाइस जो स्टडी, गेमिंग, मल्टीमीडिया और प्रोडक्टिविटी सभी कामों को एक साथ संभाले।

फीचर्स और टेक्नॉलजी: पावर और स्मूदनेस का संगम

Pad 5e में Vivo ने Snapdragon 8s Gen 3 प्रोसेसर चुना है, जो गेमिंग और मल्टीटास्क कामों को आसानी से हैंडल कर सकता है। डिस्प्ले में यही टैबलेट 12.05 इंच (कभी रिपोर्टों में 12.1″) की 2.8K LCD पैनल देता है, जिसमें 144Hz रिफ्रेश रेट है और peak brightness लगभग 900 nits की है। Vivo ने इसे बेहद पतला (6.62mm) और हल्का (584g) रखा है, जिससे लंबे समय तक उपयोग में कम बोझ महसूस होगा।

बैटरी, सॉफ्टवेयर और एक्स्ट्रा फीचर्स

Pad 5e में 10,000mAh की बैटरी है, और 44W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है, जिससे लंबी अवधि तक उपयोग संभव है। यह टैबलेट OriginOS 5 (Android 15 बेस) पर चलता है, और Vivo ने Multi-screen / PC connect फीचर्स, Vivo Pencil 3 सपोर्ट, और स्मार्ट कीबोर्ड compatibility जैसे फीचर्स दिए हैं। कैमरा स्पेक्स साधारण हैं—8MP रियर और 5MP फ्रंट। वीडियो कॉलिंग, डॉक्यूमेंट स्कैनिंग और बेसिक फोटोग्राफी के लिए ये पर्याप्त हैं।

Vivo pad 5e

कीमत और वेरिएंट्स

चीन में Vivo Pad 5e की शुरुआती कीमत CNY 1,999 (~₹25,000) से है, वेरिएंट्स 8GB+128GB, 8GB+256GB, 12GB+256GB और 16GB+512GB में उपलब्ध हैं। Soft-Light version भी है, जिसमें एंटी-ग्लेयर डिस्प्ले विकल्प मिलता है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि Vivo Pad 5e भारत में कब आएगा।

किसके लिए क्या सही?

स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स : क्लासेज, नोट्स, मीटिंग्स और प्रेजेंटेशन के लिए एक टैबलेट जो स्क्रीन और पावर दोनों दे।

गेमर्स / कंटेंट लवर्स : 144Hz डिस्प्ले और Snapdragon 8s Gen 3 इसे थोड़ी हैवी गेमिंग और मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म्स पर टिकने लायक बनाते हैं।

डिज़ाइन और अपडेट वरीय यूज़र : Slim बॉडी, नया सॉफ़्टवेयर, और ब्रांड क्वालिटी इसे आकर्षक बनाते हैं।

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Realme GT 8 Series : गेमिंग का ज़बरदस्त धमाका + 200MP कैमरा वाला रोमांच

GT 8

Realme की GT सीरीज़ ने हमेशा ही गेमर्स और टेक उत्साही लोगों के दिलों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 2025 के कुछ आखिरी महीनों से ही अफवाहें और टीज़र्स बढ़ने लगे थे कि अगला बड़ा धमाका GT 8 सीरीज़ के रूप में आने वाला है—and अब इसके लॉन्च का वक्त नज़दीक है। चीन में अक्टूबर 2025 में यह नई लाइनअप सामने आ सकती है, और भारत में दिसंबर तक दस्तक देने का प्लान है।

शुरुआत का उत्साह

Realme ने सोशल मीडिया पर अंदाज़ लगाना शुरू कर दिया है और प्री-ऑर्डर की सूचनाएं भी मिल रही हैं, जिससे टेक कम्युनिटी में पहले ही से सनसनी दहली है।  Leaks suggest कि GT 8 और GT 8 Pro दोनों में Snapdragon 8 Elite (या Elite 2) प्लेटफॉर्म इस्तेमाल होगा, जो नये गेमिंग और AI कार्यों को बेहतर तरीके से संभाल सके।

डिजाइन और डिस्प्ले

GT 8 Pro की कुछ नई लीक तस्वीरों में यह देखा गया है कि इसका कैमरा मॉड्यूल एक बड़े circular डिज़ाइन में होगा, जिसमें तीन लेंस्स शामिल होंगे—200MP periscope टेलीफोटो, 50MP मुख्य और 50MP ultrawide कैमरा।

डिस्प्ले के मामले में कहा जा रहा है कि यह flat 2K LTPO OLED पैनल होगा, anti-glare तकनीक के साथ, और 144Hz रिफ्रेश रेट की संभावना है।

GT 8

परफॉरमेंस, कैमरा और बैटरी

Leaked specifications suggest कि GT 8 Pro में 200MP periscope कैमरा होगा, संभवतः Samsung HP9 या Ricoh collaboration के साथ। GT 8 मॉडल में अपेक्षित है कि 50MP टेलीफोटो लेंस दिया जाए। बैटरी की बात करें तो कई leaks यह सुझाव देते हैं कि यह 7,000mAh या उससे ज़्यादा हो सकती है, और चार्जिंग 100W या उससे ऊपर हो सकती है। कैमरा पार्टनरशिप भी एक अहम बात है — Realme ने Ricoh Imaging के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है, जो इस सीरीज़ के कैमरा अनुभव को और बेहतर बना सकती है।

कब और कहाँ आएगा?

China में अक्टूबर 2025 में यह सीरीज़ लॉन्च होने की उम्मीद है, वैसा ही कंपनी ने संकेत दिए हैं।  भारत में इस सीरीज़ की एंट्री दिसंबर 2025 में हो सकती है।

भारत में शुरुआती कीमतों के लीक आंकड़े दिखाते हैं—GT 8 का बेस वेरिएंट लगभग ₹49,990 और GT 8 Pro ₹59,990 हो सकता है।

मुकाबला और बाज़ार पोजिशन

जब यह सीरीज़ आएगी, यह OnePlus 15, Xiaomi 17, iQOO 15 जैसे फ्लैगशिप मॉडल्स को टक्कर देगी। Realme का मकसद है कि गेमिंग, कैमरा और डिजाइन—तीनों में बेंचमार्क सेट करना।

GT 8 Pro में विशेष रूप से कैमरा मॉड्यूल को स्वैपेबल डिज़ाइन देने की अफवाहें भी हैं, यानी यूज़र अपने हिसाब से कैमरा मॉड्यूल बदल सके।

Realme GT 8 सीरीज़ तकनीक और डिजाइन का ऐसा मिश्रण लेकर आ रही है जो गेमिंग की गहराइयों और प्रो-फोटोग्राफी की ऊँचाइयों दोनों को निशाना बनाएगी। जहां एक ओर युवा गेमर्स को लुभाने का दम है, वहीं कैमरा-प्रेमियों को भी इनोवेशन की उम्मीद दे रही है। जैसे ही यह सीरीज़ भारत में आएगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह वाकई उस “next flag­ship killer” बनने में सफल होगी जिसे लोग इंतज़ार कर रहे हैं।

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AI City Vizag : गूगल का ₹10,518 करोड़ का निवेश, विशाखापट्टनम बनेगा भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब

AI City Vizag

आंध्र प्रदेश ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। राज्य सरकार और गूगल के बीच एक बड़ा करार हुआ है, जिसके तहत 1 गीगावॉट हाइपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस का निर्माण किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट “AI City Vizag” के रूप में जाना जाएगा — भारत का पहला समर्पित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब।

₹10,518 करोड़ का निवेश, 1.88 लाख रोजगार के अवसर

इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत गूगल ₹10,518 करोड़ का निवेश करेगा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में 2028 से 2032 के बीच बड़ा योगदान देगा। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, हर साल करीब 1.88 लाख नौकरियां सृजित होंगी। यह प्रोजेक्ट विशाखापट्टनम को दक्षिण भारत का प्रमुख टेक्नोलॉजी हब बनाने में मदद करेगा।

AI, क्लाउड और ग्रीन एनर्जी से लैस डेटा सेंटर

यह डेटा सेंटर कैंपस गूगल की पूरी AI टेक्नोलॉजी स्टैक पर आधारित होगा और इसमें क्लीन एनर्जी सॉल्यूशन्स भी शामिल होंगे। कैंपस गूगल के वैश्विक नेटवर्क से जुड़ा रहेगा, जिसमें अंडरसी (समुद्र के नीचे) और स्थलीय केबल सिस्टम होंगे, ताकि डेटा कनेक्टिविटी और स्थिरता विश्वस्तरीय स्तर पर बनी रहे। आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने इस प्रोजेक्ट को राज्य के लिए “भविष्य को बदल देने वाला कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक डेटा सेंटर नहीं, बल्कि “डिजिटल भारत का इंजन” साबित होगा।

AI City Vizag

राजनीतिक मेल-मिलाप से मिली सफलता

यह सौदा टीडीपी–भाजपा गठबंधन की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। दोनों दलों ने छह साल बाद मार्च 2024 में फिर से गठबंधन किया था। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने नेशनल डेटा सेंटर पॉलिसी में बदलाव और टैक्स छूट जैसे प्रावधानों के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी दिलवाई, जिससे गूगल का निवेश आंध्र प्रदेश की ओर आकर्षित हुआ।

मोदी–नायडू बैठक में बनी सहमति

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान नायडू ने इस ऐतिहासिक निवेश को अंतिम रूप दिया। उन्होंने पीएम मोदी को दो बड़े आगामी कार्यक्रमों में आमंत्रित किया —

  • ‘सुपर जीएसटी–सुपर सेविंग्स’ प्रोग्राम (कर्नूल)
  • CII पार्टनरशिप समिट 2025 (विशाखापट्टनम, 14-15 नवंबर)

इन कार्यक्रमों का मकसद वैश्विक निवेशकों और इंडस्ट्री लीडर्स को आकर्षित करना है ताकि आंध्र प्रदेश में और बड़े निवेश हो सकें।

“AI City Vizag” से भारत को मिलेगा ग्लोबल टेक पावर

यह प्रोजेक्ट केवल आंध्र प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का केंद्र बनने जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट देश को AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा — “AI City Vizag केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि आने वाले डिजिटल भारत का दिल बनेगा।”

मुख्य बिंदु

  • गूगल का ₹10,518 करोड़ का निवेश
  • 1 गीगावॉट हाइपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस
  • 2028–2032 के बीच 1.88 लाख रोजगार
  • स्वच्छ ऊर्जा और वैश्विक नेटवर्क कनेक्टिविटी
  • टीडीपी–भाजपा गठबंधन की बड़ी सफलता
  • विशाखापट्टनम बनेगा “AI City Vizag”

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भारत का AI मिशन दुनिया के लिए मिसाल : 38,000 GPU की तैनाती और जल्द आएगा ‘Sovereign AI Model’

AI

भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में नई ऊंचाई छू ली है। IndiaAI Mission के तहत सरकार ने शुरुआती 10,000 GPU के लक्ष्य के मुकाबले 38,000 GPUs की तैनाती कर दी है। यह लक्ष्य से चार गुना अधिक है — और अब यह उपलब्धि भारत को दुनिया के शीर्ष AI सक्षम देशों की श्रेणी में ला रही है।

सिर्फ ₹65 प्रति घंटे में सुपरफास्ट कंप्यूटिंग

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन GPUs को डेवलपर्स और स्टार्टअप्स के लिए ₹65 प्रति घंटे की सस्ती दर पर उपलब्ध कराया है। इसका उद्देश्य है कि छोटे स्टार्टअप्स और रिसर्च लैब्स भी बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) या AI टूल्स विकसित कर सकें। MeitY के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि यह कदम भारत के लिए “AI आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा मील का पत्थर” साबित होगा।

12 भारतीय कंपनियां बना रहीं हैं फाउंडेशन मॉडल्स

इस समय 12 भारतीय कंपनियां अपने-अपने Foundation Models पर काम कर रही हैं, जिनमें से दो मॉडल इस साल के अंत तक तैयार हो जाएंगे। ये मॉडल भारत की विविध भाषाओं और स्थानीय डेटा पर आधारित होंगे ताकि देश को एक “भारतीय संदर्भ वाला AI मॉडल” मिले।

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MeitY सचिव स. कृष्णन ने कहा — “इस साल के अंत तक हमारा पहला पूर्ण भारतीय फाउंडेशन मॉडल तैयार होगा। और India AI Summit तक भारत का Sovereign AI Model लॉन्च कर दिया जाएगा।”

क्या है ‘Sovereign AI Model’?

‘Sovereign AI Model’ यानी ऐसा AI सिस्टम जो पूरी तरह भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा और नीति ढांचे पर आधारित हो। इसका डेटा न तो विदेशों में संग्रहीत होगा और न ही विदेशी क्लाउड पर ट्रेन किया जाएगा। इससे डेटा गोपनीयता, डिजिटल संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा तीनों मजबूत होंगी। 10,000 करोड़ का मिशन, 100% घरेलू क्षमता के साथ IndiaAI Mission के लिए सरकार ने ₹10,000 करोड़ का कोष आवंटित किया है।

इस मिशन में तीन प्रमुख स्तंभ हैं —

  •  AI Compute Infrastructure (GPU आधारित क्लस्टर्स)
  •  AI Datasets और Research Support
  •  AI Governance और Ethics Framework

सरकार का लक्ष्य है कि भारत न केवल AI तकनीक का उपयोग करे, बल्कि स्वयं का AI Innovation Hub बने।

विश्व पटल पर भारत की पहचान

भारत का Sovereign AI मॉडल न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में है। जहां यूरोप और अमेरिका डेटा सुरक्षा और AI रेगुलेशन पर काम कर रहे हैं, वहीं भारत ऐसा संतुलित मॉडल बना रहा है जो विकासशील देशों के लिए प्रेरणा बनेगा। AI विशेषज्ञों का मानना है कि “भारत का यह कदम ग्लोबल साउथ देशों के लिए ‘Responsible AI’ का नया फ्रेमवर्क तैयार करेगा।”

आगे की दिशा

IndiaAI Mission के तहत आने वाले महीनों में सरकार कुछ और अहम पहल करने जा रही है:
  • AI Data Marketplace लॉन्च करना
  • विश्वविद्यालयों में AI आधारित कोर्सेस और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स
  • MSMEs के लिए AI Tools का इंटीग्रेशन
  • India AI Summit 2026 में भारत का पहला Sovereign AI Model का आधिकारिक लॉन्च

भारत का AI इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन अब केवल तकनीकी प्रगति नहीं बल्कि डिजिटल स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुका है। 38,000 GPUs की तैनाती, सस्ती कंप्यूट दरें, और स्थानीय मॉडल विकास ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि AI नवाचार में अगुआ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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Wish Credit Card : PhonePe और Utkarsh Bank की नई पहल – अब हर भारतीय बना सकेगा अपना क्रेडिट स्कोर सिर्फ ₹2000 के FD से

Wish Credit Card

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025 – भारत में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को एक नई दिशा देने के लिए डिजिटल पेमेंट्स दिग्गज PhonePe ने Utkarsh Small Finance Bank के साथ साझेदारी कर के एक नया और अनोखा प्रोडक्ट लॉन्च किया है — “Wish Credit Card”। यह FD-आधारित (Fixed Deposit backed) सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड है, जो खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जिन्हें पारंपरिक बैंकों से क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाते — जैसे गृहिणियां, स्वरोजगार वाले व्यक्ति, छात्र, और टियर-2 व टियर-3 शहरों के उपभोक्ता।

 नया समाधान: FD के बदले क्रेडिट कार्ड

“Wish Credit Card” का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे पाने के लिए किसी पुराने क्रेडिट इतिहास (Credit History) की जरूरत नहीं है। ग्राहक सिर्फ ₹2,000 से शुरू होने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के बदले यह कार्ड ले सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आपका FD ही आपका सिक्योरिटी कवच बनता है — बैंक को रिस्क नहीं होता और ग्राहक को एक आसान तरीका मिलता है क्रेडिट कार्ड की दुनिया में पहला कदम रखने का।

इस कार्ड के जरिए यूज़र्स न केवल डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, बल्कि अपने FD पर ब्याज (Interest) भी अर्जित करेंगे। इससे उनका क्रेडिट स्कोर भी समय के साथ सुधरेगा — जो भविष्य में किसी भी बड़े लोन या फाइनेंशियल प्रोडक्ट को लेने में मदद करेगा।

भारत के “क्रेडिट-अंडरसर्व्ड” सेगमेंट को लक्षित

ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) की 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 16 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जो “क्रेडिट-अंडरसर्व्ड” हैं, यानी जिनके पास बैंकिंग क्रेडिट प्रोडक्ट्स तक पहुंच बहुत सीमित है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए PhonePe और Utkarsh Bank ने यह पहल की है। उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक, अब भारत में जारी हर 10 में से 1 नया क्रेडिट कार्ड FD-समर्थित होता है — जो इस बाजार के तेजी से बढ़ते आकार को दर्शाता है।

Wish Credit Card

PhonePe के पास 61 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स और 4.4 करोड़ मर्चेंट्स हैं (मार्च 2025 तक)। इतने बड़े यूजर बेस के साथ, यह साझेदारी वित्तीय सेवाओं को उन तक पहुंचाने में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जिन्हें अब तक क्रेडिट सिस्टम से बाहर रखा गया था।

 PhonePe और Utkarsh Bank की प्रतिक्रिया

PhonePe के हेड ऑफ पेमेंट्स दीप अग्रवाल ने कहा – “Utkarsh Small Finance Bank के साथ यह साझेदारी हमारे फाइनेंशियल सर्विसेज इकोसिस्टम को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। RuPay on UPI की सुविधा और आकर्षक रिवॉर्ड्स के साथ, हम भारत को और अधिक वित्तीय रूप से समावेशी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

वहीं गोविंद सिंह, एमडी और सीईओ, Utkarsh Small Finance Bank ने कहा – “इस कार्ड के जरिए ग्राहकों को दोहरा फायदा मिलता है। एक ओर वे अपने FD पर ब्याज कमाते हैं, और दूसरी ओर उन्हें क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी मिलती है। इससे वे जिम्मेदारीपूर्वक खर्च करना सीखते हैं और अपना क्रेडिट स्कोर भी बना सकते हैं।”

 Wish Credit Card की प्रमुख विशेषताएं

  1. FD-Backed Credit Line: केवल ₹2,000 के FD से कार्ड प्राप्त करें।
  2. Lifetime Free Card: कोई जॉइनिंग या एनुअल फीस नहीं।
  3. Reward Points System:
  • 3% रिवॉर्ड पॉइंट्स फोनपे ऐप से बिल पेमेंट्स और रिचार्ज पर।
  • 1% रिवॉर्ड पॉइंट्स “स्कैन एंड पे” ट्रांजेक्शन और कुछ ई-कॉमर्स खरीद पर।
  • ₹15,000 या उससे अधिक खर्च करने पर हर महीने 200 बोनस पॉइंट्स (प्रत्येक पॉइंट = ₹1)।
  1. RuPay on UPI Integration: कार्ड को सीधे UPI से लिंक कर सकते हैं – जिससे कार्ड से पेमेंट और भी आसान हो जाता है।
  2. Completely Digital Application: आवेदन से लेकर कार्ड एक्टिवेशन तक की पूरी प्रक्रिया PhonePe ऐप पर डिजिटल तरीके से पूरी होगी।

 PhonePe की फिनटेक रणनीति में नया अध्याय

PhonePe ने पिछले कुछ वर्षों में UPI से आगे बढ़कर कई फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं, जिनमें HDFC Bank और SBI Card के साथ को-ब्रांडेड कार्ड भी शामिल हैं। “Wish Credit Card” इस सफर का अगला कदम है — जहां ध्यान अब सेक्योर क्रेडिट कार्ड जैसे उत्पादों पर है, ताकि नए उपयोगकर्ताओं को वित्तीय सशक्तिकरण का अनुभव मिल सके। Utkarsh Small Finance Bank की ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में मजबूत मौजूदगी के साथ, और PhonePe के विशाल डिजिटल नेटवर्क के संयोजन से यह साझेदारी देश के लाखों नए ग्राहकों तक पहुंचने की क्षमता रखती है।

 वित्तीय समावेशन की दिशा में बड़ा कदम

यह पहल न केवल ग्राहकों को क्रेडिट एक्सेस प्रदान करती है, बल्कि भारत के उस लक्ष्य को भी सशक्त बनाती है जो “हर नागरिक तक वित्तीय सेवाएं” पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है। World Bank और FSB Reports के अनुसार, ऐसे इनोवेटिव फिनटेक समाधान “इक्विटेबल फाइनेंस” की दिशा में सबसे प्रभावी मॉडल हैं — जहां तकनीक के ज़रिए पारंपरिक बैंकिंग की सीमाएं खत्म होती हैं।

“Wish Credit Card” केवल एक क्रेडिट कार्ड नहीं, बल्कि एक वित्तीय अवसर का द्वार है — उन लाखों भारतीयों के लिए जिन्होंने अब तक क्रेडिट की दुनिया को सिर्फ दूर से देखा था। PhonePe और Utkarsh Bank की यह साझेदारी डिजिटल इंडिया के अगले चरण की ओर एक ठोस और समावेशी कदम है।

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IndiaAI Mission : IITs ने मिलकर बनाई Deepfake से जंग की डिजिटल ढाल — अब फर्जी ऑडियो-वीडियो होंगे तुरंत बेनकाब

IndiaAI Mission

भारत सरकार का “IndiaAI Mission” अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग को रोकने और भरोसेमंद AI के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत शुरू की गई इस पहल में अब पाँच उन्नत प्रोजेक्ट्स को चुना गया है, जिनका मुख्य उद्देश्य है — डीपफेक, AI बायस, और जनरेटिव AI के दुरुपयोग से निपटना।

इन प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान जैसे IIT जोधपुर, IIT मद्रास, IIT मंडी, IIT खड़गपुर और IIIT धारवाड़ कर रहे हैं। प्रत्येक प्रोजेक्ट का लक्ष्य है सुरक्षित, पारदर्शी और जिम्मेदार AI इकोसिस्टम का निर्माण करना।

1. “Saakshya” – डीपफेक मीडिया की पहचान के लिए मल्टी-एजेंट सिस्टम

IIT जोधपुर और IIT मद्रास मिलकर “Saakshya” नामक एक अत्याधुनिक फ्रेमवर्क विकसित कर रहे हैं। यह सिस्टम Retrieval-Augmented Generation (RAG) तकनीक पर आधारित होगा, जो डीपफेक इमेज, वीडियो और टेक्स्ट कंटेंट की सटीक पहचान करने में सक्षम होगा। इसका उद्देश्य केवल गलत कंटेंट पकड़ना नहीं, बल्कि उसके सोर्स, कॉन्टेक्स्ट और इंटेंट को समझना भी है — ताकि प्रशासनिक एजेंसियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फेक न्यूज और मैनिपुलेटेड कंटेंट के खिलाफ ठोस सबूत मिल सकें। यह सिस्टम भविष्य में भारत के डिजिटल गवर्नेंस मॉडल में भी एक “AI-based evidence verification tool” के रूप में काम कर सकता है।

IndiaAI Mission

2. “AI Vishleshak” – डीपफेक ऑडियो और फर्जी हस्ताक्षर की पहचान

IIT मंडी ने हिमाचल प्रदेश की Directorate of Forensic Services के साथ मिलकर “AI Vishleshak” प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह एक Explainable AI (XAI) आधारित सिस्टम होगा जो ऑडियो-वीडियो डीपफेक, फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेजों की असलियत की जांच कर सकेगा। “AI Vishleshak” का मकसद फोरेंसिक टीमों को ऐसे टूल्स देना है जो अदालतों में AI-जनित सबूतों की प्रामाणिकता साबित करने में मदद कर सकें। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह न केवल “डीपफेक है या नहीं” बताएगी, बल्कि क्यों और कैसे वह नकली है — यह भी स्पष्ट करेगी।

3. IIT खड़गपुर का “Real-Time Voice Deepfake Detection System”

वॉइस-क्लोनिंग तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है — और इसी से सबसे बड़ा खतरा है वॉइस फ्रॉड का।इस चुनौती से निपटने के लिए IIT खड़गपुर एक ऐसा रियल-टाइम डिटेक्शन सिस्टम बना रहा है जो किसी व्यक्ति की आवाज़ के डीपफेक संस्करण को तुरंत पहचान सकेगा। यह सिस्टम कॉल सेंटर, बैंकिंग, साइबर सुरक्षा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में वॉइस डीपफेक्स से फेक वेरिफिकेशन कॉल और घोटाले बढ़ सकते हैं, ऐसे में यह पहल बेहद समयानुकूल है।

 

4. Digital Futures Lab और Karya का “AI Bias Evaluation” प्रोजेक्ट

AI के विकास में बायस (bias) यानी पक्षपात एक बड़ी चुनौती है। Digital Futures Lab और Karya मिलकर कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले AI लैंग्वेज मॉडल्स में जेंडर बायस की जांच करेंगे। यह प्रोजेक्ट यह समझने की कोशिश करेगा कि क्या AI टूल्स महिलाओं किसानों के संदर्भ में गलत या भेदभावपूर्ण सुझाव दे रहे हैं। यह प्रयास भारत के AI ethics framework को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

IndiaAI Mission

5. “Anvil” – जनरेटिव AI के लिए Penetration Testing Toolkit

अंतिम प्रोजेक्ट “Anvil” को Globals ITES और IIIT धारवाड़ मिलकर विकसित कर रहे हैं। यह एक उन्नत Penetration Testing Toolkit होगा, जो बड़े लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) और जनरेटिव AI सिस्टम्स की सुरक्षा कमजोरियों की जांच करेगा। “Anvil” के जरिए डेवलपर्स यह पता लगा सकेंगे कि किसी मॉडल को गलत इनपुट देकर या प्रॉम्प्ट इंजेक्शन से कैसे गुमराह किया जा सकता है, और उसे सुरक्षित बनाने के उपाय क्या हैं। यह कदम AI सुरक्षा को राष्ट्रीय साइबर रक्षा ढांचे से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।

AI को ‘सुरक्षित और भरोसेमंद’ बनाने की ओर भारत का कदम

MeitY के अनुसार, इन पाँच प्रोजेक्ट्स के जरिए भारत AI सुरक्षा, नैतिकता और पारदर्शिता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। “IndiaAI Mission” का लक्ष्य केवल तकनीक विकसित करना नहीं, बल्कि ऐसा AI इकोसिस्टम बनाना है जो सामाजिक न्याय, जवाबदेही और डिजिटल भरोसे पर आधारित हो। डीपफेक्स और जनरेटिव AI के युग में जहां गलत सूचना और डेटा मैनिपुलेशन का खतरा बढ़ रहा है, वहीं भारत के ये प्रोजेक्ट्स एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की दिशा में आशा की किरण हैं। “Saakshya” से लेकर “Anvil” तक, हर पहल का उद्देश्य स्पष्ट है — AI को अधिक पारदर्शी, जिम्मेदार और इंसानों के लिए सुरक्षित बनाना।

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Free Fire India ने फिर मचाई धूम: बैन से वापसी, 1 करोड़ की दौड़ और नया गेमिंग इतिहास

Free Fire

2017 में Garena का Free Fire भारत में एक ऐसा नाम बन गया जिसने मोबाइल गेमिंग की दुनिया ही बदल दी — वह आसान गेमप्ले, कम स्पेस में चलने वाली ग्राफिक्स और तेज़ एक्सेसिबिलिटी की वजह से युवाओं का पसंदीदा बन गया। लेकिन फरवरी 2022 में डेटा सिक्योरिटी कारणों से भारत सरकार ने Free Fire सहित अन्य चीनी-लिंक गेम्स पर बैन लगा दिया। इस कदम ने लाखों खिलाड़ियों के सपने रोक दिए ,गेमिंग संसार में एक खालीपन छा गया।

बैन के बाद की लड़ाई

Free Fire बैन के बाद खिलाड़ी BGMI, Free Fire Max और अन्य विकल्पों की ओर मुड़े। मगर Free Fire का जुनून कहीं खत्म नहीं हुआ। Garena ने 2023 में Free Fire India के रूप में वापसी की घोषणा की—लेकिन डेटा लोकलाइजेशन, सरकारी नियमों और सर्वर सेटअप जैसे कारणों से लॉन्च टलता रहा।  2025 में अंततः वापसी का ऐलान हुआ: Free Fire India अब लोकल सर्वर्स (नवी मुंबई), डेटा-सुरक्षित फीचर्स, Parental Controls और समय सीमाओं के साथ तैयार है। MS Dhoni को इस री-लॉन्च का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।

धमाकेदार वापसी का अंदाज़

इस नए दौर की शुरुआत Free Fire India Max Cup 2025 से हुई — जिसमें ₹1 करोड़ की पुरस्कार राशि और पूरे भारत में खिलाड़ियों को मौका दिया गया। इसके अलावा, Free Fire MAX India Cup 2025 ने 22 अगस्त से 28 सितंबर तक ईस्पोर्ट्स को नया बूस्ट दिया, जिसमें 18 टीमों ने हिस्सा लिया। पुरस्कार राशि ₹80 लाख तक बताई गई है।

Free Fire

इन इवेंट्स, लोकल मैप्स, Indian-themed कैरेक्टर और बड़े आयोजनों ने गेमिंग कल्चर को फिर से जीवंत कर दिया। खिलाड़ी न सिर्फ गेम वापस पा रहे हैं, बल्कि प्रतियोगिता, कम्युनिटी और रोमांच भी लौट रहा है।

वापसी का मतलब—

Garena की वापसी ने न सिर्फ गेमर्स बल्कि पूरी इंडस्ट्री को हिलाया है।लाखों YouTubers और स्ट्रीमर्स की उम्मीद इससे जुड़ी हुई है। भारत 2024–25 में दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग मार्केट बन गया था, और इस वापसी ने चिंता थी कि बैन ने इसे पीछे धकेल दिया। वो पुरानी ऊर्जा लौटने लगी है।  Garena ने Yotta Data Services जैसे लोकल डेटा होस्टिंग पार्टनर्स से मिलकर भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर तैनात किया है, ताकि सिक्योरिटी और सर्वर लेटेंसी की समस्या कम हो सके।

क्या ये नई शुरुआत टिकेगी?

  • क्या सरकार, डेटा और सेंसरशिप नियमों के बीच Free Fire India को फिर से बैन का डर रहेगा?
  • क्या सीमित समय (time limit) और Parental Controls जैसे फीचर्स खिलाड़ियों को उसी तरह आकर्षित कर पाएँगे जैसे पहले?
  • क्या MS Dhoni की लोकप्रियता BGMI या दूसरे बैटल रॉयल गेम्स को पीछे छोड़ने में योगदान देगी?
  • क्या गेमिंग नियमों में अनिश्चितता और बदलाव नए गेमर्स और डेवलपर्स के लिए बोझ नहीं बनेंगे?

Free Fire India की वापसी सिर्फ एक गेम की री-लॉन्च नहीं है — यह भारत के गेमिंग कल्चर, लोकलाइजेशन की ताकत, डेटा सुरक्षा और ग्लोबल प्लेटफार्मों के बीच “Make for India” की दिशा की मिसाल है। अगले कुछ महीनों में यह देखने लायक होगा कि कौन आगे बढ़ता है— Free Fire या कोई अन्य प्रतियोगी।

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Google का बड़ा ऐलान : 2026 में हर Android ऐप होगा ID-verified, sideloading की आज़ादी खत्म?

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2025 की गर्मियों में Google ने Android दुनिया में एक ऐसा बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है, जो यूज़र और डेवलपर दोनों के लिए game-changer साबित हो सकता है। अब से 2026 में, चाहे आप किसी ऐप को Play Store से डाउनलोड करें या किसी थर्ड-पार्टी साइट, Telegram चैनल या APK फाइल के ज़रिए, उस ऐप का डेवलपर Google के सामने वेरिफाइड होना अनिवार्य होगा। यह कदम “developer verification” की प्रक्रिया को sideloading तक ले आएगा, ताकि uncertified और नकली ऐप्स से होने वाले मालवेयर और धोखाधड़ी मामले कम हो सकें।

सुरक्षा या कंट्रोल?

Google का दावा है कि इंटरनेट पर sideloaded ऐप्स में Play Store ऐप्स की तुलना में 50 गुना अधिक मालवेयर मिला है, और इसी खतरे को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

लेकिन आलोचक कह रहे हैं कि यह “open” Android की आत्मा पर चोट है। छोटे डेवलपर्स, हबीस्ट और ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स अब इस नए ID-check की जंजीरों में फँस सकते हैं।

Google

 

 कब से लागू होगा वो बदलाव?

October 2025 : Early access शुरू होगा, कुछ डेवलपर्स को आमंत्रण दिया जाएगा।

March 2026 : यह verification सिस्टम सभी डेवलपर्स के लिए खुल जाएगा।

September 2026 : चार देशों — Brazil, Indonesia, Singapore और Thailand — में यह नियम लागू होंगे: certified Android डिवाइसों पर केवल वेरिफाइड डेवलपर्स की ऐप्स इंस्टॉल होंगी।

2027 और आगे : Google इस नीति को धीरे-धीरे विश्व स्तर पर लागू करेगा।

क्या बचेगी sideloading की आज़ादी?

Google स्पष्ट कहता है: आप अभी भी किसी भी वेबसाइट या थर्ड-पार्टी स्टोर से ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन सिर्फ तभी जब डेवलपर ID वेरिफाइड हो।

लेकिन F-Droid जैसे ओपन स्टोर्स के लिए समस्या यह है कि उनके बहुत से ऐप्स अभी “anonymous developer” के तहत होते हैं, और वे इस verification को आसानी से पूरा नहीं कर पाएँगे।

सवाल जो करना चाहिए

  • क्या यह बदलाव सचमुच यूज़र सुरक्षा के लिए है, या Google को अपने गेटकीप पावर को मजबूत करने का तरीका?
  • छोटे डेवलपर्स और हबीस्ट्स को क्या रास्ता मिलेगा, जो anonymity या privacy को लेकर संकोच करते हैं?
  • क्या यह Android को Apple जैसे “walled garden” प्लेटफ़ॉर्म की ओर धकेलने जैसा कदम है?
  • सरकारें, डिजिटल अधिकार संगठन और रेगुलेटर इस नई शक्ति को चेक कैसे करेंगी?

Google का यह ऐलान एक बड़े युग का संकेत है,जहाँ हर ऐप, गेम या टूल अब पहचान और जवाबदेही से जुड़ा होगा। यह सुरक्षा की जीत होगी या तकनीकी स्वतंत्रता की हार, समय ही बताएगा।

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Nothing Phone 4a & 4a Pro : 7 दमदार फीचर्स और मार्च 2026 लॉन्च टाइमलाइन का बड़ा खुलासा

Nothing Phone

Nothing Phones, जिसने आते ही मार्केट में अपने अलग डिजाइन और फीचर्स की वजह से मार्केट में अपनी जगह बना ली थी लाने जा रहा है अपना अगला सीरीज-Nothing 4a और Nothing 4a pro। आइए जानते हैं, क्या है अफ़वाहें, और कब तक लॉन्च होगा ये धाकड़ फोन।

लॉन्च की अफवाहें और टाइमलाइन

हाल ही में IMEI डेटाबेस में देखा गया है कि मॉडल नंबर A069 और A069P दोनों काफी सक्रिय हैं—पहला संभवतः 4a बेस मॉडल और दूसरा 4a Pro। ये संकेत हैं कि Nothing इस सीरीज़ को आगे बढ़ाने का मन बना रहा है। कई रिपोर्ट्स कह रही हैं कि भारत और ग्लोबल मार्केट में यह मार्च 2026 तक लॉन्च हो सकते हैं।

Nothing Phone

डिज़ाइन, इंटरफ़ेस और UI एक्सपीरियंस

Nothing की पहचान रही है उसका Glyph interface, ट्रांसपेरेंट बैक डिज़ाइन और साफ UI। नए 4a मॉडल्स में भी इन्हीं लक्षणों को जारी रखने की उम्मीद है। लीक्स में दावा है कि यह फोन OLED / AMOLED डिस्प्ले के साथ आएगा, बड़ा आकार (6.7–6.8 इंच) और 120Hz या 144Hz रिफ्रेश रेट वाला पैनल हो सकता है। Nothing OS 4.0, जो Android 16 बेस्ड होगा, अनुमान है कि गेमिंग, AI फीचर्स और कैमरा एडिटिंग को अधिक स्मूद और यूज़र-फ्रेंडली बनाए।

परफॉर्मेंस और हार्डवेयर

लीक्स में कहा गया है कि 4a बेस वेरिएंट में Snapdragon 7 Gen 4 या Snapdragon 8s Gen 3 जैसे चिपसेट हो सकते हैं। Pro वेरिएंट में और पावरफुल हार्डवेयर की उम्मीद है। RAM विकल्प 8GB से लेकर 12GB तक और स्टोरेज 128GB / 256GB तक की संभावना जताई जा रही है।

कैमरा सेटअप: क्या कुछ नया होगा?

लीक रिपोर्ट्स बताती हैं कि Pro वेरिएंट में तीन 50MP कैमरा सेटअप देखने को मिल सकता है—50MP मेन सेंसर, 50MP अल्ट्रावाइड और 50MP टेलीफोटो। OIS सपोर्ट, 4K वीडियो रिकॉर्डिंग, AI पोर्ट्रेट मोड और बेहतर नाईट फोटोग्राफी फीचर्स भी आपके फोन कैमरा को प्रो से कम न बनाएँगे।

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बैटरी और चार्जिंग

लीक के अनुसार, बेस मॉडल में ~5,500mAh बैटरी हो सकती है, और Pro मॉडल में अधिक क्षमता की संभावना। चार्जिंग स्पीड 50W–80W की रेंज तक की उम्मीद है, विशेष रूप से Pro वेरिएंट में।

कहाँ तक बढ़ सकती है कीमत और प्रभाव?

वर्तमान अनुमान है कि Nothing Phone 4a की शुरुआती कीमत ₹25,000–₹28,000 के बीच हो सकती है, जबकि 4a Pro अनुभाग में अधिक फीचर्स के चलते ₹30,000+ तक पहुँच सकती है। यदि ये फीचर्स और डिज़ाइन सच में आये, तो यह मिड-रेंज स्मार्टफोन ब्रांड्स जैसे Realme, Xiaomi, OnePlus आदि को सख़्त चुनौती दे सकता है।

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