Ek Deewane Ki Deewaniyat vs Saiyaara: जुनून, बलिदान और इमोशंस की जंग में कौन जीता? Movie review

21 अक्टूबर को रिलीज़ हुई हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा स्टारर फिल्म ‘Ek Deewane Ki Deewaniyat’ एक ऐसी लव स्टोरी है जो दिल से शुरू होती है और जुनून में खत्म होती है। निर्देशक मिलाप जावेरी ने इस फिल्म में प्यार, दर्द और पागलपन की कहानी को बहुत नाटकीय लेकिन इमोशनल अंदाज़ में पेश किया है।

कहानी – प्यार की आग में झुलसे दो दिल

फिल्म की कहानी विक्रम (हर्षवर्धन राणे) और अदा (सोनम बाजवा) की है। विक्रम एक इंटेंस, सच्चा लेकिन जुनूनी प्रेमी है, जिसकी दुनिया सिर्फ अदा से शुरू होकर उसी पर खत्म होती है। लेकिन जब यह प्यार हद से आगे बढ़ता है, तो अदा को इसमें कैद होने का अहसास होता है। एक दिन गुस्से में अदा ऐलान करती है कि “जो दशहरे तक विक्रम को खत्म करेगा, वो मेरी एक रात पाएगा।”

यहीं से फिल्म का टोन बदल जाता है — प्यार अब जुनून नहीं, एक विनाशक ताकत बन जाता है। कहानी धीरे-धीरे डार्क होती जाती है, और दर्शक यह सोचने पर मजबूर होता है कि प्यार और दीवानगी के बीच की रेखा कितनी पतली है।

अभिनय – हर्षवर्धन और सोनम की केमिस्ट्री

फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका अभिनय। हर्षवर्धन राणे ने विक्रम के रूप में एक ऐसा किरदार निभाया है जो न सिर्फ दीवाना है बल्कि टूट चुका है। उनकी आँखों में दर्द, चेहरे पर जुनून और बॉडी लैंग्वेज में बेचैनी देखने लायक है। वहीं सोनम बाजवा अपने किरदार अदा में मजबूती और भावनात्मक गहराई दोनों लेकर आती हैं। उनकी केमिस्ट्री नैचुरल और ईमानदार लगती है। कई दृश्यों में दोनों के बीच का तनाव और इमोशन इतना वास्तविक लगता है कि दर्शक खुद को कहानी का हिस्सा महसूस करता है।

Deewane Ki Deewaniyat

निर्देशन और संगीत

मिलाप जावेरी ने अपने अंदाज़ के मुताबिक फिल्म को डायलॉग्स, इमोशन और मेलोड्रामा से भरपूर रखा है। फिल्म में कई डायलॉग्स ऐसे हैं जो शायरी जैसे लगते हैं, खासकर हर्षवर्धन के संवाद — “मोहब्बत में मरना ही मुकम्मल है।” फिल्म का संगीत इसका सबसे सुंदर हिस्सा है। गाने “तेरी सांसों में जिया हूं मैं” और “दीवाना मैं भी” दिल को छू जाते हैं, जबकि बैकग्राउंड स्कोर कहानी के इमोशंस को और गहरा बना देता है।

क्या अच्छा लगा

‘एक दीवाने की दीवानियत’ का सबसे अच्छा पहलू इसका इमोशनल ग्राफ है। हर्षवर्धन और सोनम का अभिनय फिल्म को एक आत्मा देता है। उनके एक्सप्रेशन और संवाद दोनों ही दर्शकों के दिल में उतर जाते हैं। फिल्म का संगीत, विजुअल्स और सिनेमैटिक ट्रीटमेंट इसे एक बड़े पर्दे की फील देते हैं। इंटरवल तक फिल्म आपको बांधे रखती है — हर सीन में एक अनकही बेचैनी, एक इमोशनल पुल्स मौजूद रहती है। जो दर्शक इंटेंस लव स्टोरीज़ पसंद करते हैं, उन्हें यह फिल्म जरूर जोड़ लेगी।

क्या कमजोर रहा

लेकिन वहीं फिल्म की कमजोरी इसका पुराना ट्रीटमेंट और धीमी रफ्तार है। कहानी में नया कुछ नहीं है — यह वही “पागलपन वाला प्यार” वाला फॉर्मूला है जो हमने पहले भी कई बार देखा है। फिल्म का दूसरा हाफ काफी खिंचा हुआ लगता है और क्लाइमैक्स तक आते-आते इमोशन थोड़ा फीका पड़ जाता है। कई जगह संवाद ओवरड्रामेटिक लगते हैं, जिससे सीन की रियल फील कमजोर हो जाती है। इसके अलावा, स्क्रिप्ट और एडिटिंग थोड़ी टाइट होती तो फिल्म और असरदार बन सकती थी।

Review

“Ek Deewane Ki Deewaniyat” एक इमोशनल और पैशनेट लव स्टोरी है, जो आपको प्यार की ताकत और उसकी पागलपन भरी हदों के बीच की जंग दिखाती है। फिल्म में हर्षवर्धन राणे का अभिनय शानदार है, सोनम बाजवा बेहतरीन हैं और संगीत मोहक है — लेकिन कमजोर लेखन और ओवरड्रामेटिक टोन इसे मास्टरपीस बनने से रोक देते हैं।

Also Read :

₹150 करोड़ की ‘Agent Ching Attacks’ फ़िल्म यूट्यूब पर रिलीज़ : Ranveer Singh, Atlee, Sreeleela और Bobby Deol एक साथ दिखे एक्शन अवतार में

Ed Sheeran ने गाया पंजाबी गाना : करण औजला संग नया ट्रैक “Symmetry” ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड

Leave a Comment