सोना एक बार फिर निवेशकों का सबसे बड़ा “सेफ हेवन” बनकर उभरा है। सेंट्रल बैंकों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) की अभूतपूर्व खरीदारी ने गोल्ड की कीमतों को नए शिखर पर पहुंचा दिया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, सितंबर 2025 में भारतीय गोल्ड ETFs में अब तक की सबसे बड़ी मासिक इनफ्लो दर्ज हुई — $902 मिलियन, जो अगस्त के $232 मिलियन की तुलना में 285% ज्यादा है।
इस बूम के चलते भारत के गोल्ड ETF का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) अब $10 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। SMC ग्लोबल सिक्योरिटीज की हेड ऑफ कमोडिटी रिसर्च वंदना भारती के अनुसार, “सेंट्रल बैंकों और ETFs की मजबूत खरीदारी, रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद जारी है। गिरते फिएट करंसी पर भरोसे में कमी और ब्याज दरों में संभावित कटौती ने सोने की कीमतों को मजबूती दी है।”
सितंबर में भारतीय गोल्ड ETF निवेशों के मामले में भारत ने दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया, अमेरिका, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के बाद। साल की शुरुआत से सितंबर तक भारतीय गोल्ड ETFs में $2.18 बिलियन का इनफ्लो दर्ज हुआ, जो अब तक के सभी वार्षिक रिकॉर्ड को पार कर गया।
वैश्विक कारक भी दे रहे हैं सोने को रफ्तार
दुनिया भर में बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ दिया है। अमेरिका और चीन के बीच नए व्यापारिक तनाव तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों ने डॉलर को कमजोर किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए सोना और आकर्षक बन गया है।

रिलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा ने बताया : “वैश्विक अनिश्चितता, जियोपॉलिटिकल तनाव और फेड की रेट-कट उम्मीदों ने गोल्ड रैली को मजबूत किया है।” अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 13 अक्टूबर को पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार जाकर $4,076 प्रति औंस पर पहुंच गया।
दूसरी ओर, दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डॉलर रिजर्व पर निर्भरता घटाकर गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। इससे सोने के लिए एक मजबूत प्राइस फ्लोर (Price Floor) बन गया है। खुदरा निवेशक भी मुद्रास्फीति और करेंसी डिप्रिसिएशन से बचाव के लिए गोल्ड को तरजीह दे रहे हैं।
धनतेरस 2025 पर सोने का क्या रहेगा भाव?
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल धनतेरस पर सोना ₹1,20,000 से ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम के बीच कारोबार कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ फिलहाल ₹1.5 लाख के स्तर को पार करने की संभावना से इनकार कर रहे हैं। अजीत मिश्रा का कहना है, “अगर कोई बड़ी आर्थिक या भू-राजनीतिक घटना नहीं होती, तो सोना ₹1.5 लाख तक तुरंत नहीं पहुंचेगा। निकट भविष्य में ₹1,26,000 से ₹1,28,000 का दायरा अधिक यथार्थवादी है।”
वहीं, ऑगमॉन्ट गोल्ड के रिसर्च हेड रेनीशा चैनानी का मानना है कि अगर मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां इसी तरह बनी रहीं, तो सोना मध्य से लेकर 2026 के अंत तक ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। उनका कहना है कि, “भारत में निवेश का स्वरूप बदल रहा है। अब शहरी निवेशक फिजिकल गोल्ड के बजाय ETFs में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं — खासकर तब, जब कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं।”
संक्षेप में –
- सितंबर 2025 में भारत के गोल्ड ETF में $902 मिलियन की रिकॉर्ड इनफ्लो
- कुल AUM पहुंचा $10 बिलियन — अब तक का सबसे ऊंचा स्तर
- भारत बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा गोल्ड ETF निवेशक
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना पहली बार $4,000 प्रति औंस के पार
- Dhanteras 2025 पर सोना ₹1.2 से ₹1.3 लाख के बीच रहने का अनुमान
- 2026 तक ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना
सेंट्रल बैंकों की गोल्ड-खरीद रणनीति, ETFs में ऐतिहासिक निवेश और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। निवेशक अब इसे केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि एक मजबूत वित्तीय कवच (financial hedge) के रूप में देख रहे हैं। आने वाले महीनों में, गोल्ड मार्केट भारत सहित दुनिया भर में निवेश ट्रेंड की दिशा तय कर सकता है।
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