भारत में तेजी से बढ़ती गिग इकॉनमी (Gig Economy) को औपचारिक रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी Zomato के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत हर साल लगभग 2.5 लाख नई नौकरियों के अवसर नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।
समझौते पर हस्ताक्षर नई दिल्ली में मंगलवार को हुए, जिसमें केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे और श्रम सचिव वंदना गुर्नानी उपस्थित रहीं।
गिग वर्कर्स के लिए बनेगा नया ‘Aggregator’ Category
इस समझौते के तहत NCS पोर्टल पर एक नया “Aggregator” सेक्शन जोड़ा जाएगा, जहां Zomato अपने डिलीवरी पार्टनर्स और अन्य गिग वर्कर्स के लिए लचीले रोजगार के अवसर सूचीबद्ध करेगा। इससे युवाओं और महिलाओं को टेक्नोलॉजी-सक्षम, सम्मानजनक और औपचारिक रोजगार तक पहुंच मिलेगी।
डॉ. मांडविया ने कहा, “यह कदम युवाओं और महिलाओं को गरिमामय, तकनीक-आधारित जीविकोपार्जन से जोड़ेगा। यह प्लेटफ़ॉर्म इकॉनमी की नौकरियों को औपचारिक रोजगार व्यवस्था में एकीकृत करने की दिशा में बड़ा कदम है।”
NCS पोर्टल की बढ़ती सफलता
2015 में शुरू किया गया नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल अब तक 7.7 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन कर चुका है। यह पोर्टल देशभर के नियोक्ताओं और नौकरी तलाशने वालों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बन चुका है।
श्रम सचिव वंदना गुर्नानी ने कहा कि दिवाली के आसपास पोर्टल पर Zomato की नई जॉब लिस्टिंग शुरू होगी, जिससे युवाओं को त्योहार के मौसम में अतिरिक्त रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में बड़ी बढ़ोतरी
उन्होंने आगे बताया कि भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज (Social Security Coverage) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है — जो 2015 में 19% था, वह अब 2025 में बढ़कर 64.3% तक पहुंच गया है। इस कवरेज से लगभग 94 करोड़ नागरिकों को लाभ मिल रहा है।

राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए।
‘विकसित भारत 2047’ और PM-VBRY से जुड़ा मिशन
यह पहल सरकार के प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) और विकसित भारत 2047 विज़न का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस दिशा में सरकार टेक्नोलॉजी, प्रशिक्षण और उद्यमशीलता के माध्यम से नए युग की रोजगार व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है।
Zomato के साथ साझेदारी का व्यापक प्रभाव
Zomato के साथ हुआ यह समझौता श्रम मंत्रालय की निजी क्षेत्र के साथ 15वीं बड़ी साझेदारी है। इससे पहले मंत्रालय Amazon, Swiggy, Rapido, Zepto जैसी 14 अन्य कंपनियों के साथ भी MoU पर हस्ताक्षर कर चुका है, जिनके ज़रिए अब तक 5 लाख से अधिक रोजगार अवसर सृजित किए जा चुके हैं। Zomato ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी हर महीने 20,000 से अधिक रोजगार अवसर पोस्ट करेगी, जिससे युवाओं को लचीले व औपचारिक काम के मौके मिलेंगे।
भारत की गिग इकॉनमी का भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में गिग इकॉनमी अगले पांच वर्षों में $455 बिलियन के स्तर तक पहुंच सकती है। सरकार और निजी क्षेत्र के इस तरह के सहयोग से लाखों युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और देश की आर्थिक गतिशीलता को मजबूती मिलेगी। डॉ. मांडविया ने अंत में कहा “हमारा उद्देश्य केवल नौकरियां देना नहीं, बल्कि युवाओं को सम्मानजनक, सुरक्षित और स्थायी रोजगार से जोड़ना है। Zomato के साथ यह साझेदारी उसी दिशा में एक ठोस कदम है।”
Zomato और श्रम मंत्रालय के बीच हुआ यह समझौता न केवल गिग वर्कर्स को औपचारिक रोजगार व्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि भारत के श्रम बाज़ार को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा। यह पहल सरकार की “विकसित भारत 2047” की दृष्टि को साकार करने में एक और मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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