भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO (Indian Space Research Organisation) नवंबर 2025 में अपने अगले प्रमुख मिशन CMS-03 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्च करने की तैयारी में जुट गई है। यह मिशन भारत की सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क को और मजबूत करने के साथ-साथ देशभर में ब्रॉडकास्टिंग, टेलीकॉम, टेली-एजुकेशन और डिजास्टर मैनेजमेंट सेवाओं को नई गति देने वाला साबित होगा।
CMS-03 को सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा, और इसे GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle) के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह सैटेलाइट भारत के मौजूदा संचार उपग्रहों की क्षमता को बढ़ाएगा और देश के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अहम भूमिका निभाएगा।
क्या है CMS-03 सैटेलाइट?
CMS-03 एक अत्याधुनिक संचार उपग्रह (Communication Satellite) है, जिसे Extended-C frequency band में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में दूरसंचार सेवाओं की क्षमता को बढ़ाना है।

यह सैटेलाइट विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में मदद करेगा:
- टीवी ब्रॉडकास्टिंग और नेटवर्क सेवाएं टेलीमेडिसिन और ई-हेल्थकेयर
- टेली-एजुकेशन और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स
- आपदा प्रबंधन और राहत सेवाएं
CMS-03 की कवरेज न केवल भारतीय मुख्यभूमि बल्कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप तक फैली होगी, जिससे भारत के दूरस्थ इलाकों में भी मजबूत संचार नेटवर्क सुनिश्चित होगा।
लॉन्च प्रक्रिया और ऑर्बिट डिटेल्स
ISRO इस सैटेलाइट को पहले Geosynchronous Transfer Orbit (GTO) में स्थापित करेगा। इसके बाद, मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (MCF), हासन के वैज्ञानिक जटिल ऑर्बिट रेज़िंग मैन्युवर्स के ज़रिए CMS-03 को लगभग 36,000 किलोमीटर ऊँचाई पर स्थित Geostationary Orbit में स्थापित करेंगे। GSLV रॉकेट, जो कई सफल मिशनों का हिस्सा रह चुका है, इस बार भी अपने भरोसेमंद प्रदर्शन से CMS-03 को अंतरिक्ष में सही स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएगा।

भारत की डिजिटल मजबूती की नई उड़ान
CMS-03 की सफलता भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होगी। यह न केवल डिजिटल इंडिया मिशन को गति देगा, बल्कि भारत को स्पेस-बेस्ड कम्युनिकेशन में आत्मनिर्भर बनाएगा। इसरो लगातार अपने संचार उपग्रहों को अपग्रेड कर रहा है ताकि देश को विदेशी तकनीक पर निर्भर न रहना पड़े। CMS-03 इस दिशा में एक और मजबूत कदम है, जो भारत को वैश्विक स्पेस इंडस्ट्री में अग्रणी बनाने की दिशा में आगे ले जाएगा।
ISRO का विजन
इसरो ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उसका लक्ष्य केवल अंतरिक्ष अन्वेषण तक सीमित नहीं है, बल्कि वह राष्ट्र निर्माण और सामाजिक विकास के लिए भी अंतरिक्ष तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। CMS-03 मिशन इस बात का प्रतीक है कि भारत न केवल अंतरिक्ष में उड़ान भर रहा है, बल्कि हर नागरिक तक तकनीकी सुविधा पहुँचाने के मिशन पर है।
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