नोटाम क्या है?
“NOTICE TO AIR MISSIONS” या NOTAM एक ऐसा आधिकारिक अलर्ट है जिसे एविएशन अथॉरिटी द्वारा पायलटों, एयरलाइंस और ऑपरेशन टीमों को जारी किया जाता है। यह सूचित करता है कि किसी विशेष इलाके, एयरस्पेस कॉरिडोर, या समय-सीमा में कुछ प्रतिबंध, सैन्य गतिविधि, मिसाइल टेस्ट या उड़ानों का शिफ्ट होना हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, जब कोई बड़ा मिलिट्री अभ्यास चल रहा हो या सीमा पर सुरक्षा अलर्ट हो, तब NOTAM के माध्यम से नागरिक और वाणिज्यिक फ्लाइट्स को जानकारी दी जाती है।
इस प्रकार, NOTAM सिर्फ एयरलाइंस का मामला नहीं — यह किसी क्षेत्र की सुरक्षा, सामरिक तैयारी और अंतरराष्ट्रीय वायु-निगरानी का संकेत भी बन जाती है।
30 अक्टूबर-11 नवंबर 2025: क्यों जारी हुआ यह NOTAM?
भारत ने 30 अक्टूबर से 10/11 नवंबर 2025 तक राजस्थान-गुजरात के पास अपनी पश्चिमी सीमा के पास एक बड़े संयुक्त मिलिट्री अभ्यास Exercise Trishul की घोषणा की। इस दौरान 28 000 फीट से नीचे की उड़ानों के लिए अस्थायी प्रतिबंध लगा दिए गए और NOTAM के तहत नागरिक एवं वाणिज्यिक रूट्स में बदलाव किया गया।
यह अभ्यास भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा मिलकर संचालित किया जा रहा था, जिसका लक्ष्य पश्चिमी सीमा पर युद्ध-तैयारी, त्वरित रिस्पांस क्षमताएँ और खतरनाक इलाकों में संचालन क्षमता को बढ़ाना था। ऐसे में एयरस्पेस को सुरक्षित रखने और संचालन को व्यवस्थित करने के लिए NOTAM जारी करना रणनीतिक रूप से समझदारी भरा कदम था।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और एयरस्पेस विवाद
भारतीय NOTAM के बाद पाकिस्तान ने भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने 28-29 अक्टूबर को अपनी मध्य और दक्षिण एयरस्पेस में नागरिक उड़ानों के लिए प्रतिबंध लगाया। इसके साथ ही यह संकेत भी मिला कि दोनों देशों में एयरस्पेस को लेकर एक तरह की टकराव-स्थिति बनी हुई है।
इस तरह, NOTAM और एयरस्पेस ब्लॉकेज सिर्फ तकनीकी कदम नहीं—ये रणनीतिक संदेश हैं कि सीमा पर भी हालात निगरानी में हैं और मिलिट्री तैयारियाँ चल रही हैं।
किसका है असर? एविएशन, सुरक्षा और नागरिक
इस तरह के एयरस्पेस बंदी या नियंत्रण से नागरिक उड़ानों को कुछ चुनौतियाँ आती हैं:
- फ्लाइट्स को लंबा रूट लेना पड़ सकता है, जिससे ईंधन व समय बढ़ सकते हैं
- एयरलाइंस और पायलटों को अस्थायी रूप से रूट शिफ्ट करना पड़ता है
- सुरक्षा स्तर बढ़ जाता है, लेकिन इससे एयर-कमर्सिक गतिविधियों में अस्थिरता आ सकती है
फिर भी, ये सब उस बड़े उद्देश्य के लिए हैं कि मिलिट्री अभ्यास शांतिपूर्ण और नियंत्रित माहौल में हो सके—जहाँ कहीं भी अचानक संकट उठ खड़ा हो सके।
आगे क्या हो सकता है?
30 अक्टूबर से निर्धारित अभ्यास के बाद सहमति-रिव्यू होगा और संभवतः नए NOTAM या रूट अपडेट जारी होंगे। भारत ने इसे स्पष्ट कर दिया है कि यह अभ्यास हमले का संकेत नहीं, बल्कि तैयारियों और रक्षा संबंधी क्षमता की जाँच का हिस्सा है।
उम्मीद है कि अभ्यास शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होगा और दोनों देशों के बीच सीमावर्ती तनाव कम होगा—लेकिन एयरस्पेस-हिस्ट्री इस बात की याद दिलाती है कि “टकराव प्रयोग” को हमेशा नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उम्मीद है कि इस लेख ने आपके लिए एयरस्पेस विवाद, NOTAM का महत्व और सीमा-यान रक्षा की रणनीति को स्पष्ट किया होगा। क्या आप सोचते हैं कि इस तरह के अभ्यास और NOTAM से सीमा पर वास्तविक युद्ध-जोखिम कम होते हैं, या ये सिर्फ सिग्नल-शो है?
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