सिंगापुर की एक अदालत ने एक भारतीय नर्स को यौन शोषण (Molestation) के मामले में दोषी करार देते हुए 1 साल 2 महीने की जेल और 2 कोड़ों (strokes of the cane) की सज़ा सुनाई है। आरोपी एक प्रीमियम प्राइवेट अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत था। अदालत ने यह सख्त फैसला उस समय सुनाया जब आरोपी ने अदालत में अपना अपराध कबूल कर लिया।
मामला क्या है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना सिंगापुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में हुई थी, जहाँ आरोपी नर्स ने ड्यूटी के दौरान एक महिला के साथ अशोभनीय हरकत (molestation) की। घटना के बाद पीड़िता ने तुरंत अस्पताल प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी दी। जांच के दौरान पुलिस ने CCTV फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया।
आरोपी ने अदालत में माना अपराध
सुनवाई के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया और कहा कि उसने गलती की है। अदालत ने उसके अपराध स्वीकार करने को ध्यान में रखते हुए कुछ रियायत दी, लेकिन अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे कड़ी सज़ा दी गई। अदालत ने कहा कि इस तरह की हरकतें सिंगापुर के सख्त कानूनों के तहत गंभीर अपराध मानी जाती हैं।
सिंगापुर में ऐसे मामलों पर सख्त कानून
सिंगापुर में यौन उत्पीड़न या अश्लील हरकतों से जुड़े मामलों पर बेहद कड़ा कानून लागू है। दोषी पाए जाने पर न केवल जेल बल्कि कोड़े मारने (caning) की सज़ा भी दी जाती है। यह सज़ा अपराध की गंभीरता और पीड़िता पर पड़े मानसिक असर को देखते हुए तय की जाती है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, “महिलाओं की गरिमा के खिलाफ ऐसे अपराध किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य हैं। सिंगापुर में इस तरह के अपराधों के लिए कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जाएगी।”
सिंगापुर में बढ़ रही कड़ी कार्रवाई
पिछले कुछ वर्षों में सिंगापुर सरकार ने विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए यौन अपराधों पर भी कड़ी कार्रवाई की है। कार्यस्थल, अस्पताल और सार्वजनिक स्थलों पर महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस मामले ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी देश का हो, समान रूप से जिम्मेदार है।
भारतीय समुदाय में चर्चा
सिंगापुर में बसे भारतीय समुदाय के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बहुत से लोग इसे चेतावनी के तौर पर देख रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की हरकत करने से पहले दस बार सोचे। वहीं, भारतीय दूतावास ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
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