VinFast ने तमिलनाडु में शुरू किया अपना पहला भारतीय EV प्लांट, सालाना 1.5 लाख गाड़ियां बनाने का लक्ष्य

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वियतनाम की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी विनफास्ट (VinFast) ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यात्रा की औपचारिक शुरुआत कर दी है। कंपनी ने तमिलनाडु के थूथुकुडी (Thoothukudi) में अपने पहले भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन संयंत्र (EV Plant) का संचालन शुरू कर दिया है। यह कदम न केवल विनफास्ट की भारत में दीर्घकालिक निवेश प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि देश को दक्षिण एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

$2 बिलियन निवेश और 400 एकड़ का अत्याधुनिक प्लांट

यह अत्याधुनिक फैक्ट्री SIPCOT इंडस्ट्रियल पार्क, थूथुकुडी में लगभग 400 एकड़ भूमि पर फैली हुई है। विनफास्ट ने इस प्रोजेक्ट में कुल $2 बिलियन (लगभग ₹16,700 करोड़) के निवेश की घोषणा की है। कंपनी के अनुसार, यह भारत में अब तक के सबसे बड़े विदेशी EV निवेशों में से एक है। शुरुआती चरण में उत्पादन क्षमता 50,000 यूनिट प्रति वर्ष तय की गई है, जिसे आने वाले वर्षों में 1.5 लाख वाहनों प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना है।

फैक्ट्री में उपयोग की जा रही मशीनरी और उत्पादन तकनीक को “वर्ल्ड-क्लास” बताया गया है, जिसमें अत्याधुनिक रोबोटिक असेंबली लाइनें, ऑटोमेटेड पेंट शॉप और बैटरी पैकिंग यूनिट शामिल हैं। कंपनी का दावा है कि यहां उत्पादन प्रक्रियाएं अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण मानकों के अनुरूप होंगी।

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पहली कार VinFast VF 7 हुई तैयार

विनफास्ट ने अगस्त 2025 में इस प्लांट में ट्रायल प्रोडक्शन शुरू किया था, और अब कंपनी ने बताया है कि इस यूनिट से पहली कार VinFast VF 7 सफलतापूर्वक तैयार की जा चुकी है। VF 7 एक मिड-साइज़ इलेक्ट्रिक SUV है जो आधुनिक डिजाइन, लंबी रेंज और एडवांस कनेक्टिविटी फीचर्स के साथ आती है। इसके बाद कंपनी यहां से VF 6 मॉडल का भी उत्पादन शुरू करेगी, जो एक कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक SUV है और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए किफायती प्राइस सेगमेंट में उतारी जाएगी।

रोजगार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा

इस फैक्ट्री के शुरू होने से तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। शुरुआती चरण में लगभग 3,000 से 3,500 लोगों को सीधा रोजगार मिलने की उम्मीद है, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से यह संख्या 10,000 से अधिक तक जा सकती है। इसके अलावा, कंपनी ने स्थानीय सप्लायर्स और MSME पार्टनर्स के साथ मिलकर एक मजबूत स्थानीय सप्लाई चेन नेटवर्क विकसित करने की योजना बनाई है।

तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “विनफास्ट का यह निवेश न केवल राज्य की औद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत को वैश्विक EV उत्पादन मानचित्र पर प्रमुख स्थान पर स्थापित करेगा।”

भारत क्यों बना विनफास्ट की पसंद

विनफास्ट ने तमिलनाडु को अपना पहला भारतीय मैन्युफैक्चरिंग बेस इसलिए चुना क्योंकि यहां मजबूत ऑटोमोटिव इकोसिस्टम, प्रशिक्षित तकनीकी कार्यबल, और मुख्य बंदरगाहों के निकटता जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। थूथुकुडी पोर्ट की निकटता से निर्यात संचालन में भी आसानी होगी।

कंपनी का उद्देश्य इस फैक्ट्री को केवल भारतीय बाजार के लिए ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के देशों के लिए एक निर्यात हब के रूप में विकसित करना है। इससे भारत में बने “VinFast” वाहनों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।

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भारत में बढ़ती EV मांग पर फोकस

भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन चुका है और यहां EV सेगमेंट में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। सरकारी प्रोत्साहनों और बढ़ती पर्यावरण जागरूकता के चलते उपभोक्ताओं का झुकाव इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लगातार बढ़ रहा है। विनफास्ट इस अवसर का लाभ उठाकर भारतीय ग्राहकों को किफायती और तकनीकी रूप से एडवांस इलेक्ट्रिक SUV देने की तैयारी में है।

कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय बाजार में एंट्री से न केवल बिक्री बढ़ेगी बल्कि भारत के EV इकोसिस्टम में नई प्रतिस्पर्धा और नवाचार भी आएगा।

स्थानीय उत्पादन से कीमतों में होगी कमी

VinFast का कहना है कि स्थानीय असेंबली और पार्ट मैन्युफैक्चरिंग शुरू होने के बाद वाहनों की कीमतों को भारतीय बाजार के अनुरूप बनाया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को किफायती दामों पर अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी वाले EVs मिल सकेंगे।

इसके साथ ही कंपनी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और आफ्टरसेल्स सर्विस नेटवर्क को भी मजबूत करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी की योजना बना रही है।

सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम

विनफास्ट की पैरेंट कंपनी Vingroup का लक्ष्य 2050 तक “नेट जीरो” उत्सर्जन हासिल करना है। इसी दिशा में भारत में स्थापित यह नया प्लांट 100% रिन्यूएबल एनर्जी आधारित उत्पादन की ओर अग्रसर है। फैक्ट्री में सोलर पैनल्स, वेस्ट रीसाइक्लिंग सिस्टम और वॉटर-रियूज टेक्नोलॉजी जैसी आधुनिक ग्रीन पहलें लागू की गई हैं।

आगे की राह

भारत में उत्पादन शुरू होने के साथ ही विनफास्ट अब स्थानीय डीलर नेटवर्क और आफ्टरसेल्स सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रही है। कंपनी की योजना 2026 तक देश के 25 से अधिक शहरों में सेल्स और सर्विस नेटवर्क स्थापित करने की है।

विश्लेषकों का मानना है कि भारत में VinFast का आगमन टेस्ला और ह्युंडई जैसी वैश्विक कंपनियों के लिए भी नई चुनौती पेश करेगा। जहां टेस्ला अभी अपनी एंट्री को लेकर सरकारी बातचीत में लगी है, वहीं VinFast ने वास्तविक उत्पादन शुरू करके भारत में EV रेस में एक कदम आगे बढ़ा लिया है।

विनफास्ट का तमिलनाडु प्लांट भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल देश की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को गति देगा, बल्कि दक्षिण एशिया को वैश्विक EV विनिर्माण का नया केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा।

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