शुरुआत: कैसे बनीं Queen Mother
Sirikit Kitiyakara का जन्म 12 अगस्त 1932 को बैंकॉक के एक राजघराने में हुआ था। उनके पिता विदेश मंत्री थे और उनका बचपन पेरिस में बीता। 1950 में उन्होंने Bhumibol Adulyadej (King Rama IX) से विवाह किया और उसी वर्ष थाईलैंड की रानी बनीं। 1956 में राजा की भिक्षुता के दौरान उन्हें संवैधानिक रूप से रीजेंट भी नियुक्त किया गया — इस तरह वे देश की दूसरी रानी रीजेंट बनीं।
सेवा और विरासत: समाज-सेवा की अनकही कहानी
Queen Sirikit ने ग्रामीण विकास, महिला-शिक्षा, स्वास्थ्य, पारंपरिक हस्तशिल्प और सिल्क इंडस्ट्री के पुनरुत्थान जैसे कई सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाया। उन्होंने थाई रेशम उद्योग को नए आयाम दिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय रहीं। उनके जन्मदिन (12 अगस्त) को थाईलैंड में मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है, जिसे देश ने “रानी-माँ” के सम्मान में स्थापित किया।
अंतिम अलविदा: निधन और राष्ट्रीय शोक
24 अक्टूबर 2025 को बैंकॉक के एक अस्पताल में Queen Sirikit ने 93 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लीं। उनकी हालत सेप्सिस (रक्त संक्रमण) के कारण गंभीर हो गई थी और वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं।

थाईलैंड के राज-आधिकारिक घराने ने पूरे देश में एक-साल की राजकीय शोक-मुद्रा घोषित की है। सरकारी कार्यालयों में झंडे आधा झुके थे और लोगों को कम-से-कम 90 दिन तक काले या गहरे रंग के वस्त्र पहनने का निर्देश दिया गया।
क्यों याद रखें रानी सिरीकित को?
उनकी मुस्कान सिर्फ शाही उपस्थिति नहीं थी — वे जनता की “माँ” बनीं, जिन्होंने हर-वर्ग तक पहुँच बनाई। उनकी उपस्थिति, शैली, संस्कार और काम करने का तरीका आज भी थाईलैंड और दुनिया भर में प्रेरणा है। उनका जाना सिर्फ एक शाही महिला का नहीं — यह एक युग की समाप्ति है, जिसमें आत्म-समर्पण, करुणा और संस्कृति का मेल था।
आज जब थाईलैंड के लोग बुद्धिमत्ता और संवेदनशीलता से भरी रानी सिरीकित को याद कर रहे हैं — तो हम भी उनके जीवन की उस चमक-वाली याद को स्वीकार करते हैं। उनकी विरासत हमें यह सिखाती है कि बड़े-बड़े तख्त और पद सिर्फ सम्मान नहीं — जिम्मेदारी का प्रतीक होते हैं। उनका जीवन, काम और आदर्श अमर रहेगा — रानी सिरीकित, शांति से विश्राम करें।
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