छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले के एक दूरस्थ गांव में श्राद्ध भोज (छठी के भोजन) के बाद हुई खाद्य विषाक्तता (Food Poisoning) की घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। इस दुखद हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें एक दो महीने का शिशु भी शामिल है, जबकि 20 से अधिक ग्रामीणों की हालत गंभीर बनी हुई है।
दुंगा गांव में ‘श्राद्ध भोज’ बना मातम का कारण
यह घटना अबूझमाड़ क्षेत्र के दुंगा गांव में हुई, जहां 14 अक्टूबर को एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद श्राद्ध भोज का आयोजन किया गया था। गांव के लोग पारंपरिक रूप से इस भोज में शामिल हुए और भोजन करने के कुछ ही घंटों बाद उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी लक्षणों से पीड़ित हो गए। अगले एक सप्ताह के भीतर, पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक दो महीने का बच्चा, बुधरी (25), बुधाराम (24), लक्के (45) और उर्मिला (25) शामिल हैं।
पहाड़ों और नदी पार कर पहुंची मेडिकल टीम
दुंगा गांव की स्थिति बेहद दुर्गम है — यहां न तो सड़क है, न नेटवर्क, जिसके कारण प्रशासन को जानकारी 21 अक्टूबर को ही मिल सकी। नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा। डॉक्टरों को इंद्रावती नदी नाव से पार कर गांव तक पहुंचना पड़ा। गांव पहुंचने पर टीम ने पाया कि 20 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं और दो लोगों को मलेरिया भी है। एक 60 वर्षीय महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है।
दूषित भोजन से फैला संक्रमण, जांच जारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) टी.आर. कुँवर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में खाना दूषित होने की संभावना जताई गई है।खाद्य नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं ताकि सटीक कारण का पता लगाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग की टीम फिलहाल गांव में घर-घर जाकर इलाज और जागरूकता अभियान चला रही है।

ग्रामीणों को दी गई चेतावनी और सावधानी के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों से कहा है कि वे ताज़ा भोजन करें, उबला हुआ पानी पिएं, और भोजन को खुला न छोड़ें, ताकि संक्रमण और न फैले। स्थानीय प्रशासन ने गांव में अस्थायी स्वास्थ्य शिविर भी स्थापित किया है।
जनता में शोक और प्रशासन में हलचल
इस घटना ने पूरे नारायणपुर जिले में दुख और गुस्से की लहर पैदा कर दी है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की पहचान होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।










