भारत में Gold Price रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। त्योहारों के सीजन में जहां सोने की चमक बाजार में दिख रही है, वहीं आम लोगों के लिए इसकी कीमतें “सपनों जैसी” बन चुकी हैं। शुक्रवार को केरल में सोना ₹640 प्रति पवन महंगा हुआ और रेट ₹87,560 प्रति पवन (लगभग $985) पहुंच गया। वहीं, प्रति ग्राम सोना ₹10,945 तक चढ़ गया। देशभर में 24 कैरेट सोना ₹1,19,400 प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है — जो पिछले साल के दशहरे की तुलना में 48% की जबरदस्त वृद्धि है। 2024 में यह दर ₹78,000 थी, यानी सिर्फ एक साल में ₹41,000 से ज्यादा की छलांग।
सोने की बिक्री घटी 25%, लेकिन मूल्य में 35% की बढ़ोतरी
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, इस बार दशहरे में सोने की बिक्री मात्रा 24 टन से घटकर 18 टन रह गई, यानी लगभग 25% की कमी। हालांकि, बढ़े दामों के कारण कुल बिक्री मूल्य में 30-35% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
IBJA के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया — “पिछले साल दशहरे पर 24 टन सोना बिका था। इस बार कीमत ₹1.16 लाख प्रति 10 ग्राम रही, जिसने मांग पर सीधा असर डाला है।” महंगे दामों के चलते उपभोक्ताओं की खरीदारी की रणनीति बदल गई है। अब ग्राहक नया सोना खरीदने के बजाय पुराने गहनों को एक्सचेंज कर रहे हैं।

दक्षिण भारत के प्रमुख ज्वेलर जोसे अलुक्कास के प्रबंध निदेशक वर्गीज़ अलुक्कास ने कहा — “10-20 ग्राम के गोल्ड बार की बिक्री बढ़ी है। ग्राहक 18K, 14K और 9K डायमंड ज्वेलरी के बजाय गोल्ड ज्वेलरी पसंद कर रहे हैं। पुराने सोने का एक्सचेंज इस दशहरे में 55-60% तक पहुंच गया है।” कई ग्राहक अब गोल्ड बार और कॉइन में निवेश कर रहे हैं, ताकि शादी के मौसम में उसे ज्वेलरी में बदल सकें। दिवाली तक ₹1.22 लाख तक पहुंच सकता है सोना, वैश्विक बाजार में $4,200/oz का अनुमान-
- विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की तेजी फिलहाल रुकने वाली नहीं है।
- अंदाजा है कि दिवाली तक भारत में सोना ₹1,22,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
- UBS और अंतरराष्ट्रीय बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, गोल्ड की अंतरराष्ट्रीय कीमतें $4,000 से $4,200 प्रति औंस तक जा सकती हैं।
इस उछाल के पीछे कई कारण हैं
- अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावना
- डॉलर की कमजोरी और वैश्विक मंदी की आशंका
- निवेशकों का “सेफ-हेवन” एसेट की ओर रुझान
- जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताएं और क्रूड ऑयल में उतार-चढ़ाव
भारत की परंपरा और निवेश का बदलता चेहरा
भारत में सोना केवल धातु नहीं, बल्कि परंपरा और आस्था का प्रतीक है। लेकिन अब कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के चलते यह “भावनात्मक खरीदारी” से हटकर रणनीतिक निवेश का रूप ले रहा है। ज्वेलरी ब्रांड अब लाइटवेट डिजाइन, कम कैरेट ज्वेलरी और ईएमआई ऑफर्स के जरिए ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। वहीं, मेट्रो शहरों में गोल्ड डिजिटल इन्वेस्टमेंट ऐप्स और ETF का चलन भी बढ़ा है।

महंगाई के बीच भी निवेशकों का भरोसा कायम
हालांकि महंगाई से ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ा है, लेकिन निवेशकों के लिए यह दौर फायदेमंद है। शेयर बाजार की अस्थिरता और रुपये की कमजोरी के बीच सोना एक बार फिर सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प (Safe Haven Asset) बन गया है। कई बैंक और फाइनेंशियल एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर वैश्विक अस्थिरता जारी रही तो सोना 2026 की शुरुआत तक 20% और महंगा हो सकता है।
सोने की बढ़ती चमक, लेकिन जेबों पर बढ़ता बोझ त्योहारों के इस सीजन में जहां सोने की चमक पहले से कहीं ज्यादा दिखाई दे रही है, वहीं यह आम उपभोक्ता के लिए महंगाई की मार बन गई है।भारत का सोने से रिश्ता बरकरार है, लेकिन उसका स्वरूप बदल गया है —
अब यह “गहनों की खरीद” नहीं, बल्कि निवेश और मूल्य संरक्षण की रणनीति बन चुका है। अगर यही रफ्तार जारी रही, तो आने वाले महीनों में सोना भारत की सबसे महंगी और प्रतिष्ठित पूंजीगत संपत्ति बन जाएगा।
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