संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए, वहीं भारत ने तुरंत जवाब देकर पाकिस्तान को आतंकवाद का आइना दिखाया।
शरीफ का भाषण: पुराने राग, नए झूठ
24 मिनट के संबोधन में शरीफ ने लगभग 8 मिनट तक भारत को घेरा।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दावा – पाकिस्तान ने कहा कि उसकी वायुसेना ने 7 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया।
- कश्मीर और सिंधु जल संधि – भारत पर आत्मनिर्णय के अधिकार को दबाने और संधि तोड़ने का आरोप।
- ‘हिन्दुत्व’ पर हमला – बोले कि कट्टर हिन्दुत्व पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
- डोनाल्ड ट्रम्प की तारीफ – संघर्ष विराम का श्रेय अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को दिया, नोबेल की वकालत भी कर डाली।
भारत का पलटवार: “बेतुकी नौटंकी और झूठ”
भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के हर आरोप को नकारा।
- “जले हैंगर को जीत समझ लें” – शरीफ के दावों पर तंज।
- आतंकवाद का महिमामंडन – पाकिस्तान की विदेश नीति का असली चेहरा बताया।
- पहलगाम हमला – 26 निर्दोषों की मौत का जिक्र, TRF को पाकिस्तान समर्थित बताया।
- ओसामा बिन लादेन – पाकिस्तान की पनाहगिरी को दुनिया के सामने याद दिलाया।
- शांति की शर्तें – आतंकी शिविर बंद करने और वांछित आतंकियों को सौंपने की खुली चुनौती।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सच – भारत ने बताया कि संघर्ष विराम की अपील पाकिस्तान ने ही की थी।

पहलगाम से PoK तक: विवाद की जड़
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए। TRF ने जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत ने 6 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को तबाह किया। यहीं से तनाव और बढ़ा।
UN से पहले ही बेकाबू हुए शरीफ
न्यूयॉर्क में जब एक भारतीय पत्रकार ने शरीफ से पूछा कि “सीमा पार से आतंकवाद कब रोकेगा पाकिस्तान?” तो वह असहज हो गए और गोलमोल जवाब देने लगे। भारत ने इसी घटना को सबूत बनाकर कहा कि पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है।
दुनिया की नजरें, पाकिस्तान की फजीहत
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की लगातार झूठी बयानबाजी उसकी विश्वसनीयता को कम कर रही है। दूसरी ओर, भारत तथ्यों और सबूतों के साथ अपनी बात मजबूती से रख रहा है।
नतीजा
आतंकवाद पर पर्दा नहीं डाल पाएगा पाकिस्तान, UNGA के मंच ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत और पाकिस्तान का टकराव केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी जारी है। जहां पाकिस्तान आरोप और झूठ फैलाता रहा, वहीं भारत ने साफ संदेश दिया – “किसी भी स्तर की ड्रामेबाजी और झूठ, आतंकवाद की सच्चाई को नहीं छिपा सकते।”
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