बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य में अलग-अलग चुनावी रैलियों को संबोधित किया, जिससे एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सहरसा और कटिहार में बड़ी सभाएं कर एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में जनता से वोट की अपील की। उन्होंने बिहार में विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए महागठबंधन पर ‘जंगलराज’ और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। पीएम मोदी का रोड शो पटना में जबरदस्त भीड़ खींच चुका है, जिससे 14 विधानसभा सीटों पर असर की उम्मीद जताई जा रही है। एनडीए की ओर से मोदी के अलावा अमित शाह और राजनाथ सिंह भी 25-25 रैलियां करेंगे।

वहीं, अखिलेश यादव ने छपरा में भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव के साथ मंच साझा कर ‘इंडिया’ गठबंधन के समर्थन में हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनी, तो बीजेपी को “बिहार से पलायन” करना पड़ेगा। सपा प्रमुख का फोकस राजद के MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण को अपने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से जोड़ने पर है, ताकि विपक्षी गठबंधन की सामाजिक पकड़ मजबूत हो सके।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दोनों गठबंधनों की रैलियों से चुनावी मैदान पूरी तरह गरम हो चुका है। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और उससे पहले नेताओं की रैलियां और रोड शो वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बिहार में अब चुनावी जंग अपने शिखर पर है।
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