बोइंग को 777X प्रोग्राम में झटका, 5 अरब डॉलर का नुकसान और डिलीवरी 2027 तक टली

दुनिया की दिग्गज विमान निर्माता कंपनी बोइंग (Boeing) को अपने महत्वाकांक्षी 777X जेट प्रोग्राम में देरी के कारण एक बड़ा झटका लगा है। कंपनी ने बताया कि उसे इस प्रोजेक्ट में लगभग 4.9 अरब डॉलर (करीब ₹41,000 करोड़) का नुकसान झेलना पड़ा है। इसके चलते बोइंग की तीसरी तिमाही में कुल घाटा 5.4 अरब डॉलर तक पहुँच गया है।

देरी की वजह क्या है

बोइंग ने बताया कि 777X विमान की प्रमाणन प्रक्रिया (Certification) में अमेरिकी एविएशन रेगुलेटर FAA से मंजूरी मिलने में उम्मीद से ज्यादा समय लग रहा है। इस कारण कंपनी ने विमान की पहली डिलीवरी की तारीख को फिर से आगे बढ़ा दिया है — अब यह 2027 में होगी, जबकि पहले यह 2026 तय की गई थी। दरअसल, यह प्रोजेक्ट 2020 में लॉन्च होना था, लेकिन लगातार तकनीकी और नियामक कारणों से इसकी टाइमलाइन बढ़ती चली गई।

कंपनी का बयान

बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग (Kelly Ortberg) ने कहा, “हम 777X शेड्यूल में देरी से निराश हैं, लेकिन विमान उड़ान परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमें पता है कि प्रमाणन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी बहुत काम बाकी है।”

बोइंग

लगातार बढ़ता नुकसान

777X प्रोग्राम में अब तक बोइंग को कुल 15 अरब डॉलर से ज्यादा का झटका लग चुका है। यह स्थिति तब आई है जब कंपनी पहले से ही 737 MAX हादसों (2018-2019) के बाद से FAA की कड़ी निगरानी में है।

एयरबस को मिला फायदा

बोइंग की मुश्किलों का फायदा उसके प्रतिद्वंद्वी एयरबस (Airbus) को मिल रहा है, जिसका A350 मॉडल वाइडबॉडी विमान बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

कंपनी पर बढ़ता दबाव

यह बोइंग की लगातार 17वीं घाटे वाली तिमाही है, जो बताती है कि कंपनी अब भी अपने पुराने संकटों से उबर नहीं पाई है। हालांकि, बोइंग ने उम्मीद जताई है कि 777X की सफल डिलीवरी के बाद उसके वित्तीय हालात में सुधार आएगा।

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