महिला क्रिकेट को मिला ऐतिहासिक सम्मान : विशाखापत्तनम स्टेडियम में बना मिथाली राज स्टैंड, रावी कल्पना गेट”

महिला क्रिकेट

भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना का सपना अब साकार हो गया है। उनके सुझाव पर आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ACA-VDCA क्रिकेट स्टेडियम, विशाखापत्तनम में महिला क्रिकेटरों के नाम पर स्टेडियम ढांचे का नामकरण किया है। इस पहल के तहत स्टेडियम में ‘मिथाली राज स्टैंड’ और ‘रावी कल्पना गेट’ का औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिससे यह भारत का पहला ऐसा स्टेडियम बन गया है जो महिला क्रिकेटरों को इस तरह का स्थायी सम्मान दे रहा है।

यह विचार अगस्त 2025 में “ब्रेकिंग बाउंड्रीज़” नामक एक फायरसाइड चैट के दौरान सामने आया था, जब स्मृति मंधाना ने मंत्री नारा लोकेश से बातचीत में कहा था कि भारत में किसी भी महिला क्रिकेटर के नाम पर स्टेडियम स्टैंड नहीं है। मंधाना ने सुझाव दिया था कि यह कदम न केवल उनकी उपलब्धियों को सम्मान देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी की खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगा।

मंत्री नारा लोकेश ने इस अवसर पर कहा, “स्मृति मंधाना का विचार देशभर की भावना को दर्शाता है। इसे इतने कम समय में साकार करना हमारे समाज की लैंगिक समानता और महिला क्रिकेट की पथप्रदर्शकों को सम्मान देने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।” मंधाना के सुझाव के कुछ ही हफ्तों में आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और वर्ल्ड कप 2025 के मैच से पहले इस पहल को साकार किया।

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महान क्रिकेटरों को मिला सम्मान

भारतीय क्रिकेट की दिग्गज मिथाली राज को उस स्टैंड के नाम से सम्मानित किया गया है, जो अब उनके नाम से जाना जाएगा। मिथाली राज भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे सफल बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने 10,868 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं — जिसमें 7 शतक और 85 अर्धशतक शामिल हैं। 23 साल लंबे करियर (1999–2022) में उन्होंने भारत को दो वनडे विश्व कप फाइनल तक पहुंचाया और 150 से ज़्यादा मैचों में टीम की कप्तानी की।

मंत्री लोकेश ने मिथाली राज को सम्मानित करते हुए कहा, “मिथाली राज सिर्फ़ एक नाम नहीं, बल्कि एक संस्था हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में वह पहचान दिलाई जिसकी वजह से लाखों बेटियाँ इस खेल से जुड़ी हैं।” इस मौके पर उन्हें ACA लोगो से सजी एक हैंडक्राफ्टेड सिल्वर क्रिकेट बॉल भेंट की गई।

रावी कल्पना – आंध्र प्रदेश की पहली महिला अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

वहीं रावी कल्पना, जिनके नाम पर स्टेडियम का मुख्य गेट रखा गया है, 2015 से 2016 के बीच भारत के लिए 7 वनडे मैच खेल चुकी हैं। वह आंध्र प्रदेश की पहली महिला क्रिकेटर बनीं जिन्होंने राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। कल्पना की यात्रा ने राज्य की कई युवा खिलाड़ियों — जैसे अरुंधति रेड्डी, एस. मेघना, और एन. श्री चरनी — को प्रेरित किया है।

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ICC और BCCI की सराहना

ICC चेयरमैन जय शाह ने इस पहल को “महिला क्रिकेट के विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम” बताया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान न केवल मिथाली राज और रावी कल्पना जैसी दिग्गजों को श्रद्धांजलि है, बल्कि यह दक्षिण भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय खोलेगा। यह कदम और भी अधिक बेटियों को क्रिकेट अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।”

जय शाह ने भी उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले आईसीसी महिला विश्व कप 2025 मैच से ठीक पहले आयोजित किया गया।

महिला क्रिकेट के लिए एक नई मिसाल

यह पहल भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक प्रेरक मील का पत्थर बन गई है। स्मृति मंधाना के विचार से जन्मी यह योजना दिखाती है कि कैसे एक सोच बदलाव की दिशा में कदम बन सकती है। विशाखापत्तनम का ACA-VDCA स्टेडियम अब केवल एक खेल का मैदान नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है — जहां हर चौका, हर छक्का अब उन महिलाओं की मेहनत और संघर्ष की कहानी सुनाएगा जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया।

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शुभमन गिल ने बाबर आजम को पछाड़ा, दिल्ली टेस्ट में रचा नया इतिहास

शुभमन गिल

भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन कप्तान शुभमन गिल ने शानदार शतक जमाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। भारत ने अपनी पहली पारी 518/5 पर घोषित की और दिन का खेल खत्म होने तक वेस्टइंडीज के 4 बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। शनिवार का दिन पूरी तरह शुभमन गिल के नाम रहा। उनके बल्ले से न केवल शानदार पारी निकली, बल्कि उन्होंने कई बड़े रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए।

बाबर आजम से आगे निकले शुभमन गिल

टेस्ट क्रिकेट में गिल ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान बाबर आजम को पीछे छोड़ दिया है। अब गिल का टेस्ट औसत और शतकों की संख्या, दोनों ही मामलों में बाबर से बेहतर हैं।

शुभमन गिल

  • शुभमन गिल : 39 टेस्ट, 43.47 की औसत से 2826 रन, 10 शतक

  • बाबर आजम : 59 टेस्ट, 42.77 की औसत से 4235 रन, 9 शतक

गिल ने बाबर से 20 मैच कम खेलकर भी ज्यादा शतक लगाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर 269 रन है, जबकि बाबर का सर्वोच्च स्कोर 196 रन रहा है।
हालांकि अर्धशतकों के मामले में बाबर आगे हैं — उनके नाम 29 फिफ्टी हैं, जबकि गिल ने 8 बार 50+ स्कोर बनाया है।

WTC में भी नया इतिहास

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) में भी शुभमन गिल भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर बन गए हैं। उन्होंने इस टूर्नामेंट में शतकों के मामले में रोहित शर्मा को भी पीछे छोड़ दिया।

शुभमन गिल

भारत का दबदबा

गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन पूरी तरह मैच पर पकड़ बना ली। बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और मेहमान टीम को संघर्ष में डाल दिया।

शुभमन गिल का यह प्रदर्शन न सिर्फ भारत को जीत के करीब ले जा रहा है, बल्कि उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर भी पहुंचा रहा है। उनके फैंस अब बेसब्री से उनकी अगली बड़ी पारी का इंतजार कर रहे हैं।

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South Africa की शानदार वापसी : इंदौर में न्यूजीलैंड पर 6 विकेट से बड़ी जीत, ताज़मिन ब्रिट्स का शतक बना आकर्षण का केंद्र

इंदौर के होल्कर स्टेडियम में सोमवार को खेले गए आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के रोमांचक मुकाबले में South Africa ने New Zealand को 6 विकेट से मात देकर टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज की। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मैच में मिली करारी हार के बाद प्रोटियाज टीम ने इस मुकाबले में दमदार पलटवार करते हुए जीत के साथ वापसी की है।

पहले बल्लेबाज़ी में न्यूजीलैंड की ठोस शुरुआत, फिर बिखराव

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम की शुरुआत अच्छी रही। कप्तान सोफी डिवाइन ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 85 रनों की जिम्मेदार पारी खेली। उन्होंने पारी को संभालते हुए एक समय टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया था। लेकिन उनके आउट होते ही कीवी बल्लेबाज़ी क्रम ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।
दक्षिण अफ्रीका की स्पिन गेंदबाज़ नॉनकुलुलेको म्लाबा ने अपने जादुई स्पेल में 40 रन देकर 4 विकेट झटके और न्यूजीलैंड की लय पूरी तरह बिगाड़ दी। अंततः कीवी टीम 231 रन पर सिमट गई।

दक्षिण अफ्रीका की आत्मविश्वास से भरी पारी

लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत स्थिर रही। हालांकि शुरुआती विकेट जल्दी गिर गए, लेकिन ताज़मिन ब्रिट्स ने अपने अनुभव और धैर्य का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने न्यूजीलैंड के हर गेंदबाज़ का डटकर सामना किया और शानदार 101 रनों की शतकीय पारी खेली।
ब्रिट्स की यह पारी न केवल टीम की जीत की नींव बनी, बल्कि यह 2025 में उनका पाँचवाँ शतक भी रहा — जो किसी भी महिला क्रिकेटर द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक है।

उनके साथ अन्य बल्लेबाज़ों ने भी उपयोगी योगदान दिया। लौरा वोल्वार्ड्ट ने 45 रन बनाए, जबकि मिग्नन डू प्रीज़ ने अंत तक नाबाद रहकर टीम को 46वें ओवर में जीत दिलाई।

South Africa

म्लाबा का कमाल और टीम का मनोबल ऊँचा

गेंदबाज़ी में नॉनकुलुलेको म्लाबा का प्रदर्शन इस जीत की असली कुंजी साबित हुआ। उनकी गेंदों पर न्यूजीलैंड की बल्लेबाज़ों ने रन बनाना बेहद मुश्किल पाया। 10 ओवर में 40 रन देकर 4 विकेट का यह स्पेल म्लाबा के करियर के बेहतरीन प्रदर्शन में से एक रहा।

न्यूजीलैंड के लिए मुश्किलें बढ़ीं

लगातार दूसरी हार के बाद न्यूजीलैंड की टीम अब अंक तालिका में नीचे खिसक गई है। उनका नेट रन रेट भी इस हार से काफी प्रभावित हुआ है, जिससे सेमीफाइनल की दौड़ में उनकी राह कठिन होती दिख रही है।

निष्कर्ष

यह मुकाबला South Africa के लिए आत्मविश्वास वापस पाने वाला साबित हुआ। इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार से सबक लेकर टीम ने जबरदस्त संतुलित प्रदर्शन किया — जहाँ बल्लेबाज़ी में ताज़मिन ब्रिट्स ने चमक दिखाई, वहीं गेंदबाज़ी में म्लाबा ने कमाल कर दिखाया।
अब प्रोटियाज टीम टूर्नामेंट के अगले चरण में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उतरने को तैयार है, जबकि न्यूजीलैंड को जल्द ही अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा अगर उन्हें सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहना है।

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Women World Cup 2025 : भारत ने पाकिस्तान को 88 रनों से हराकर दर्ज की धमाकेदार जीत, अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंची टीम इंडिया

Women World Cup

कोलंबो, 5 अक्टूबर 2025 — Women World Cup 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। रविवार को कोलंबो में खेले गए मुकाबले में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 88 रनों के बड़े अंतर से हराते हुए लगातार दूसरी जीत दर्ज की और अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया।

भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 247 रन बनाए, जिसमें टॉप ऑर्डर की बेहतरीन साझेदारियाँ देखने को मिलीं। जवाब में पाकिस्तान की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 43 ओवरों में मात्र 159 रन पर ढेर हो गई।

धीमी शुरुआत से बढ़ी पाकिस्तान की मुश्किलें

पाकिस्तान की शुरुआत बेहद धीमी रही। ओपनर मुनीबा अली मात्र 6 रन बनाकर रन आउट हो गईं, उन्हें दीप्ति शर्मा ने शानदार थ्रो से पवेलियन लौटाया। इसके बाद क्रांति गौड़ ने घातक स्पेल डालते हुए सदफ शम्स और आलिया रियाज को आउट कर पाकिस्तान की पारी पर दबाव बढ़ा दिया।

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सिदरा अमीन की जुझारू पारी भी न बचा सकी टीम

इस कठिन परिस्थिति में सिदरा अमीन और नटालिया परवेज ने चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी कर पाकिस्तान को संभालने की कोशिश की। सिदरा ने 81 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई खास सहयोग नहीं मिला। बाकी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों की सटीक लाइन और लेंथ के सामने टिक नहीं सकीं।

गेंदबाजी में चमकीं क्रांति गौड़ और दीप्ति शर्मा

भारत की ओर से गेंदबाजों ने शानदार तालमेल दिखाया। क्रांति गौड़ और दीप्ति शर्मा ने तीन-तीन विकेट झटके, जबकि अन्य गेंदबाजों ने भी लगातार दबाव बनाए रखा, जिससे पाकिस्तान की टीम 159 रनों पर सिमट गई।

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ऐतिहासिक आंकड़े और लगातार वर्चस्व

इस जीत के साथ भारत ने न सिर्फ टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत दर्ज की, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ अपना दबदबा भी कायम रखा। दोनों टीमों के बीच अब तक खेले गए 15 टी20 मुकाबलों में भारत ने 12 बार जीत हासिल की है, जबकि पाकिस्तान केवल तीन बार ही विजेता बन सका है।

भारतीय महिला टीम की यह जीत विश्व कप अभियान के लिए एक मजबूत संकेत है — टीम का आत्मविश्वास ऊंचाई पर है, और कप्तान के नेतृत्व में भारत खिताब जीतने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

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अहमदाबाद टेस्ट 2025 : भारत ने वेस्टइंडीज को पारी और 140 रनों से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई

टेस्ट

भारतीय क्रिकेट टीम ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज को पारी और 140 रनों के बड़े अंतर से मात दी। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने दो मैचों की सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है।

वेस्टइंडीज की पहली पारी – भारतीय गेंदबाज़ों का जलवा

मैच की शुरुआत में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम भारतीय गेंदबाज़ों के सामने टिक नहीं पाई। पूरी टीम महज़ 162 रनों पर ढेर हो गई। तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 4 विकेट झटके, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 3 विकेट लेकर कैरिबियाई बल्लेबाज़ों की कमर तोड़ दी।

भारत की पहली पारी – राहुल और जुरेल की शतकीय साझेदारी

जवाब में भारतीय टीम ने बेहतरीन बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए 448 रन बनाए और पहली पारी में ही 286 रनों की मजबूत बढ़त हासिल की। टीम के लिए के.एल. राहुल ने शानदार खेल दिखाते हुए अपने करियर का 11वां टेस्ट शतक लगाया। उन्होंने 190 गेंदों पर 100 रन पूरे किए। उनका साथ निभाया युवा विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने, जिन्होंने शानदार 113 रन की पारी खेली। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी महत्वपूर्ण 86 रन जोड़कर टीम के स्कोर को और मजबूत किया।

वेस्टइंडीज की दूसरी पारी – बुरी तरह बिखरी बल्लेबाज़ी

बड़ी बढ़त मिलने के बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी सिर्फ 146 रन पर सिमट गई।
इस तरह भारत ने यह मैच एक पारी और 140 रनों के विशाल अंतर से अपने नाम किया।

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में भारत की स्थिति

हालांकि इस जीत से भारत को बहुमूल्य अंक मिले हैं, लेकिन टीम अभी भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की पॉइंट्स टेबल में टॉप-2 में जगह नहीं बना पाई है।
फिर भी, इस जीत ने टीम का आत्मविश्वास बढ़ा दिया है और आगे के मुकाबलों के लिए मजबूत आधार तैयार कर दिया है।

अगला मुकाबला

सीरीज़ का दूसरा और आख़िरी टेस्ट मैच 10 अक्टूबर से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या टीम इंडिया सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाते हुए वेस्टइंडीज को क्लीन स्वीप कर पाती है या नहीं।

अंत में

अहमदाबाद टेस्ट पूरी तरह से भारत के नाम रहा — गेंदबाज़ी में सिराज और बुमराह ने कहर बरपाया, जबकि बल्लेबाज़ी में राहुल, जुरेल और जडेजा ने शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाई। अब सबकी निगाहें दिल्ली टेस्ट पर टिकी हैं, जहां भारत सीरीज़ को 2-0 से अपने नाम करने के इरादे से उतरेगा।

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Himanshi Tokas becomes World No.1 in Judo : छोटी गलियों से उठी भारत की शेरनी ने लिखा इतिहास

Himanshi Tokas

दिल्ली के मुनीरका की गलियों से निकलकर, 20 साल की Himanshi Tokas ने वो कर दिखाया है जो आज तक किसी भारतीय जूडो खिलाड़ी ने नहीं किया। International Judo Federation की ताज़ा जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में वह महिला -63kg कैटेगरी की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई हैं। यह उपलब्धि भारत के लिए पहली बार है और उनके 610 प्वाइंट्स ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया।

संघर्ष की कहानी: चोट से चैंपियन तक

Himanshi Tokas का परिवार खेलों से दूर था। अक्सर पड़ोसी कहते—“लड़की है, क्यों लड़कों वाला खेल चुन रही है?” लेकिन मां और दादी ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। एक बार गंभीर आंख की चोट के बाद लगा कि उनका करियर थम जाएगा, मगर हिमांशी ने हार नहीं मानी।

ट्रेनिंग और Exposure: भारत से जापान तक

Sub-Junior Nationals (2019) में सिल्वर मेडल और Khelo India Youth Games (2020) में प्रदर्शन के बाद, उनका चयन भोपाल के SAI National Centre of Excellence में हुआ। वहां कोच यशपाल सोलंकी ने उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी। इसके अलावा जापान और यूरोप में इंटरनेशनल exposure ने उनकी तकनीक को नया स्तर दिया।

Himanshi Tokas

2025: जीत का साल

साल 2025 हिमांशी के करियर में सुनहरी कहानी लिख गया। इसी साल उन्होंने Casablanca African Open में पहला गोल्ड जीता, उसके बाद Taipei Junior Asian Cup में फिर से पोडियम के सबसे ऊँचे पायदान पर खड़ी हुईं। इसके बाद Asian Junior Championship में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर तीसरा गोल्ड अपने नाम किया। इतना ही नहीं, अफ्रीका में आयोजित African Cup में भी उन्होंने बाज़ी मारी और लगातार चौथा गोल्ड जीत लिया। इन टूर्नामेंट्स के अलावा एक सिल्वर मेडल भी उनकी झोली में आया।

हर मुकाबले में उनका आत्मविश्वास साफ दिखा—कुल नौ बाउट्स उन्होंने Ippon से खत्म किए, जो जूडो का नॉकआउट प्वाइंट माना जाता है। यही consistency उन्हें 610 प्वाइंट्स और आखिरकार वर्ल्ड नं.1 रैंकिंग तक ले गई।

सिस्टम से सवाल: अब सरकार की बारी

अब बड़ा सवाल है— क्या Himanshi Tokas की इस जीत के बाद सरकार और स्पोर्ट्स बॉडीज सिर्फ़ तालियाँ बजाकर रुक जाएँगी, या जूडो और अन्य “non-cricket” खेलों को भी ज़रूरी फंडिंग और exposure मिलेगा? क्या Khelo India, SAI, Eklavya योजनाएँ सही मायनों में grassroots खिलाड़ियों तक पहुँचेंगी?

मिसाल बन चुकी हिमांशी

Himanshi Tokas की जीत सिर्फ़ एक खिलाड़ी की personal achievement नहीं, बल्कि पूरे भारत के खेल जगत के लिए wake-up call है। ये कहानी बताती है कि सही सपोर्ट, कोचिंग और exposure के साथ कोई भी बच्चा—चाहे बड़े शहर से हो या छोटे गाँव से—World No.1 बन सकता है।

संदेश साफ़ है,अगर सिस्टम ने इस ऊर्जा को सही दिशा दी, तो भारत के और भी खिलाड़ी दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग तक पहुँचेंगे। Himanshi Tokas ने यह साबित कर दिया है कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती।

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इंडिया-ए की शानदार शुरुआत, पहले वनडे में ऑस्ट्रेलिया-ए को 171 रनों से हराकर पाई बड़ी जीत

इंडिया-ए

ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मुकाबले में इंडिया-ए टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया-ए को 171 रनों से मात दी। यह जीत न केवल टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली साबित हुई, बल्कि सीरीज़ की बेहतरीन शुरुआत भी रही।

भारतीय बल्लेबाजों का दमदार प्रदर्शन

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंडिया-ए टीम की शुरुआत धमाकेदार रही। सलामी बल्लेबाज प्रियांश आर्य (131 रन) और कप्तान श्रेयस अय्यर (107 रन) ने शतकीय पारियां खेलकर टीम को मज़बूत आधार दिया। दोनों ने बेहतरीन साझेदारी करते हुए विपक्षी गेंदबाजों की एक न चलने दी।

इसके अलावा रियान पराग (52 रन) और आयुष बडोनी (50 रन) ने भी तेज़तर्रार अर्धशतक जमाए। इन सबके दम पर भारत-ए ने 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 398 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

ऑस्ट्रेलिया-ए की कमजोर बैटिंग

398 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया-ए की टीम शुरुआत से ही दबाव में नज़र आई। भारतीय गेंदबाजों ने लगातार विकेट चटकाते हुए विपक्षी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। पूरी टीम 41 ओवर में 227 रन पर ऑल आउट हो गई और भारत ने मैच 171 रनों से अपने नाम कर लिया।

इंडिया-ए

गेंदबाजों में निशांत सिंधु का जलवा

भारत की जीत में गेंदबाजों का योगदान भी कम नहीं रहा। निशांत सिंधु ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके और विपक्षी टीम की रीढ़ तोड़ दी। अन्य गेंदबाजों ने भी कसी हुई गेंदबाजी कर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा।

सीरीज़ में बढ़त और आत्मविश्वास

यह जीत इंडिया-ए टीम के लिए खास मायने रखती है। इतनी बड़ी जीत से न केवल टीम ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बनाई है, बल्कि आने वाले मुकाबलों के लिए खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी चरम पर पहुंच गया है।

ग्रीन पार्क स्टेडियम में दर्शकों ने भी भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों के शानदार खेल का भरपूर आनंद लिया। अब देखना होगा कि सीरीज़ के अगले मैचों में भारतीय टीम अपनी इस लय को कैसे बरकरार रखती है।

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14 साल के वैभव सूर्यवंशी का तूफ़ानी शतक : 78 गेंदों पर 113 रन, 9 छक्के-8 चौके; भारत U19 की 185 रन की बढ़त

वैभव सूर्यवंशी

भारतीय क्रिकेट में नई प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। ताज़ा उदाहरण हैं 14 साल के वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ पहले यूथ टेस्ट मैच में ऐसा धमाका किया कि हर कोई दंग रह गया। वैभव ने सिर्फ 78 गेंदों पर शतक पूरा किया और अपनी पारी में 9 चौके और 8 छक्के लगाए।

वैभव का जलवा: 113 रन की पारी

दूसरे दिन मैदान पर वैभव का बल्ला जमकर बोला। उन्होंने कुल 86 गेंदों में 113 रन ठोके, जिनमें से 84 रन सिर्फ चौकों-छक्कों से आए। इतनी छोटी उम्र में उनकी बल्लेबाजी का अंदाज़ देखकर दर्शक और क्रिकेट एक्सपर्ट्स दोनों ही हैरान रह गए।

वैभव सूर्यवंशी

वेदांत त्रिवेदी की भी शानदार सेंचुरी

वैभव के अलावा भारत U19 के बल्लेबाज वेदांत त्रिवेदी ने भी गजब का प्रदर्शन किया। उन्होंने 191 गेंदों पर 140 रन बनाए, जिसमें 19 चौके शामिल थे। उनकी संयमित बल्लेबाजी और वैभव की आक्रामक पारी ने भारत की पारी को मज़बूती दी।

भारत की पहली पारी 423 रन पर सिमटी

दोनों शतकों की बदौलत भारत अंडर-19 टीम ने पहली पारी में 423 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया U19 की टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 243 रन पर ढेर हो गई थी। इस तरह भारत ने 185 रन की मज़बूत बढ़त हासिल कर ली।

वैभव सूर्यवंशी

पहले दिन दीपेश देवेंद्रन का जलवा

मैच के पहले दिन भारतीय गेंदबाजों ने भी शानदार खेल दिखाया। तेज गेंदबाज दीपेश देवेंद्रन ने घातक गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान विल मालाजुक ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था, लेकिन दीपेश की धारदार गेंदबाज़ी के सामने उनकी टीम ज्यादा देर टिक नहीं पाई।

युवा सितारे, बड़ा भविष्य

भारत अंडर-19 टीम के इन प्रदर्शन से साफ है कि आने वाले समय में टीम इंडिया को कई नए सितारे मिलने वाले हैं। खासकर वैभव सूर्यवंशी ने जिस तरह 14 साल की उम्र में आक्रामक शतक जमाया है, उससे उनका भविष्य बेहद उज्ज्वल नज़र आता है।

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Asia Cup 2025 Final Twist : भारतीय टीम की जीत पर भी Trophy Ceremony बना विवाद!

भारतीय टीम

कल ही एशिया कप 2025 के फाइनल में एक अलग सी घटना देखने को मिली। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में भारतीय टीम ने 5 विकेट से जीत हासिल की।लेकिन उसके बाद ट्रॉफी और मेडल दिए जाने के वक्त भारतीय टीम ने एक अनोखी प्रतिक्रिया दी।आइए जानते हैं आखिर हुआ क्या था।

क्यों ठुकराया ट्रॉफी?

28 सितंबर 2025 को एशिया कप के फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान टीम को हराकर खिताब अपने नाम किया। लेकिन जब समय आया विजेताओं को ट्रॉफी और मेडल लेने का, टीम इंडिया ने साफ इनकार कर दिया Mohsin Naqvi से जो कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष और Asian Cricket Council (ACC) के वर्तमान प्रमुख हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच हाल की राजनीतिक घटनाओं और विवादों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि सम्मान जितना महत्वपूर्ण है, लेकिन उस व्यक्ति से ट्रॉफी लेना जिसे हाल ही में विवादित एहसासों के लिए निशाना बनाया गया हो, स्वीकार्य नहीं।

भावनाएँ, राजनीति और खेल का संगम

इस घटना ने सिर्फ एक नियमित पुरस्कार समारोह न होकर एक बड़ी प्रतीकात्मक लड़ाई की तरह काम किया। खिलाड़ियों ने नो-हैंडशेक की पहल की, उन्होंने मंच साझा नहीं किया, और जब चुने गए प्रतिनिधियों को बुलाया गया, मेडल संभवतः स्वीकारे गए लेकिन ट्रॉफी लेने की रस्म अधूरी रही।

यह वो पल था जब भावनाएँ खेल से बड़ा हो गईं — जहाँ सम्मान सिर्फ पैरों तले न हो, बल्कि आत्मा में महसूस हो।

भारतीय टीम

क्या यह नया इतिहास बना रहा है?

ऐसी घटनाएँ पहले भी हुई हैं जहाँ खिलाड़ियों या देश ने बतौर झंडा, मेडल या ट्रॉफी से जुड़ी रस्मों को विवाद या राजनीतिक कारणों से अस्वीकार किया हो। लेकिन यह पहला मौका है जब ट्रॉफी लेने से पूरी टीम ने इनकार किया हो, सार्वजनिक मंच पर, इतने विवादों और प्रतीकों के बीच।

असली जीत: विचारों की, भावनाओं की

भारतीय टीम के कप्तान और खिलाड़ियों ने मेडल नहीं लेने की बात नहीं कही — लेकिन ट्रॉफी लेने से इनकार ने एक बड़ा संदेश भेजा: जीत सिर्फ रिकॉर्ड या ट्रॉफी नहीं है; सम्मान और सच्चाई का मिलन है। उनके लिए यह मेडल से अधिक मायने रखता है कि उन्होंने किसके हाथ से सम्मान स्वीकार किया।

क्या खेल अब सिर्फ खेल नहीं रहेगा?

यह सवाल उठता है कि क्या इस तरह की घटनाएँ खेल की आत्मा को बदल देंगी? क्या भविष्य में किसी खिलाड़ी को, किसी टीम को, सिर्फ राजनीतिक स्थिति या सार्वजनिक भावना की वजह से पुरस्कार लेने से इनकार करना पड़ेगा? क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संचालन-संस्थाएँ इस तरह के विवादों से निपटने के लिए तैयार हैं?

इसीलिए, भारत ने फाइनल का गेम भी जीता, लेकिन मैदान के बाहर की यह कहानी शायद उससे भी बड़ी हो गई। यह दिखाती है कि ट्रॉफी की चमक तब फीकी पड़ सकती है जब सम्मान की कीमत बढ़ जाए — और खिलाड़ी केवल रन या विकेट नहीं बल्कि विचारों, भावनाओं और देश की आवाज़ का प्रतिनिधित्व भी होते हैं।

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Asia cup 2025 final : भारत ने पाकिस्तान को हराया, रचा इतिहास – तिलक वर्मा और कुलदीप यादव बने हीरो

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दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में रविवार, 28 सितंबर 2025 को क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा मुकाबला खेला गया। Asia cup के 41 साल के इतिहास में पहली बार भारत और पाकिस्तान फाइनल में आमने-सामने आए, और इस महामुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ भारत ने रिकॉर्ड आठवीं बार एशिया कप ट्रॉफी उठाई और करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया।

टॉस और पाकिस्तान की पारी

भारतीय कप्तान ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करने का फैसला किया और यह रणनीति कारगर साबित हुई। पाकिस्तान ने अच्छी शुरुआत की थी। सलामी बल्लेबाज़ साहिबज़ादा फरहान (57 रन, 38 गेंद) और फखर ज़मान (46 रन) ने पहले विकेट के लिए 84 रनों की शानदार साझेदारी की। लग रहा था कि पाकिस्तान बड़ा स्कोर खड़ा करेगा, लेकिन इसके बाद कहानी बदल गई।

भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने कमाल दिखाया और पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों को बांध दिया। पाकिस्तान की टीम महज़ 19.1 ओवर में 146 रन पर ऑल आउट हो गई। भारत की ओर से कुलदीप ने 4 विकेट चटकाए, जबकि अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह और वरुण चक्रवर्ती ने 2-2 विकेट झटके। पाकिस्तान की पारी पहले विकेट के बाद बुरी तरह बिखर गई और टीम ने केवल 23 रन जोड़ते हुए 7 विकेट गंवा दिए।

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भारत की पारी – शुरुआती झटकों के बाद शानदार वापसी

147 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पावरप्ले में ही भारतीय टीम ने 3 बड़े विकेट खो दिए, जिससे स्टेडियम में मौजूद भारतीय प्रशंसकों के बीच सन्नाटा फैल गया। लेकिन तभी युवा बल्लेबाज़ तिलक वर्मा क्रीज़ पर टिके और मैच का रुख बदल दिया।

तिलक ने दबाव के बावजूद शानदार बल्लेबाज़ी की और 69 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली। उनके साथ रिंकू सिंह ने संयम से बल्लेबाज़ी करते हुए विजयी रन बनाए। भारत ने लक्ष्य को 19वें ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया और ऐतिहासिक मुकाबले में बाज़ी मार ली।

मैच के हीरो

  • तिलक वर्मा : 69 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत की दहलीज़ पर पहुंचाया।
  • कुलदीप यादव : 4 विकेट लेकर पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी ध्वस्त की। टूर्नामेंट में कुल 13 विकेट लेकर वे भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे।
  • अभिषेक शर्मा : पूरे टूर्नामेंट में 309 रन बनाए और शीर्ष स्कोरर बने।
  • साहिबज़ादा फरहान : पाकिस्तान की ओर से अकेले टिके रहे और 57 रन बनाए।

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भारत का पूरे टूर्नामेंट में दबदबा

भारत की इस जीत को और खास बनाता है यह तथ्य कि टीम ने इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान को लगातार तीन बार हराया।

ग्रुप स्टेज : भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया।

सुपर 4 : भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से शिकस्त दी।

फाइनल : तीसरी बार भिड़ंत में 5 विकेट से जीत।

इस तरह भारत ने साबित किया कि क्यों उसे एशिया कप का असली बादशाह कहा जाता है।

भारत की 8वीं खिताबी जीत

इस खिताबी जीत के साथ भारत ने आठवीं बार एशिया कप अपने नाम किया। यह केवल एक ट्रॉफी नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि पहली बार दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमों ने फाइनल में आमने-सामने खेला। स्टेडियम में मौजूद दर्शकों और दुनिया भर में करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों ने इस रोमांचक मुकाबले का लुत्फ उठाया।

Asia cup 2025 का फाइनल क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरा। मैच में उतार-चढ़ाव, रोमांच और खिलाड़ियों का जज़्बा सब कुछ देखने को मिला। भारत ने पाकिस्तान को हराकर न केवल ट्रॉफी जीती बल्कि अपने दबदबे और टीम स्पिरिट का शानदार प्रदर्शन भी किया। यह जीत आने वाले वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, और क्रिकेट जगत इस मुकाबले को हमेशा याद रखेगा।

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