China’s Influencer Crackdown : अब बिना Degree सोशल मीडिया पर नहीं देंगे Advice

अक्टूबर 2025 में Cyberspace Administration of China (CAC) ने एक बेहद कड़ा नियम लागू किया, जिसके तहत चीन में सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे Douyin, Weibo, Bilibili) पर अब स्वास्थ्य, कानून, शिक्षा, वित्त जैसे संवेदनशील विषयों पर रील्स या कंटेंट तभी बनाई जा सकती है जब कंटेंट क्रिएटर (Influencer) के पास संबद्ध यूनिवर्सिटी डिग्री, प्रोफेशनल सर्टिफिकेट या प्रमाणित प्रशिक्षण हो।

इसके साथ ही प्लेटफॉर्म्स को इन क्रिएटर्स की योग्यता प्रमाणित करनी होगी और यदि नियमों का उल्लंघन हुआ, तो अकाउंट सस्पेंड होने या 100,000 युआन तक के जुर्माने के दायरे में आ जाएंगे।

क्यों लिया गया यह फैसला?

सरकार की दलील यह है कि सोशल-मीडिया ऑनलाइन सलाह, चिकित्सा टिप्स, वित्तीय गाइडेंस आदि के ज़रिए झूठी या खतरनाक जानकारी का माध्यम बन गया था। शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून जैसे क्षेत्रों में अनपढ़ या गैर-प्रमाणित प्रभावितों (influencers) की बढ़ती पहुँच ने उपभोक्ताओं को जोखिम में डाल दिया था।इसलिए इस पॉलिसी का उद्देश्य नागरिकों को भरोसेमंद और प्रमाणित स्रोतों से जानकारी तक पहुँच देना बताया गया है — “मisinformation” को रोकना और डिजिटल जानकारी की विश्वसनीयता बढ़ाना।

Influencer

कैसे लागू होगी और क्या होगा असर?

  • अब प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट क्रिएटर्स की डिग्री, सर्टिफिकेट या प्रोफेशनल लाइसेंस जैसी योग्यताओं का सत्यापन करना अनिवार्य है।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर क्रिएटर का अकाउंट सस्पेंड हो सकता है, साथ ही प्लेटफॉर्म को भी ज़िम्मेदारी उठानी होगी।
  • इस पॉलिसी के बाद सोशल-मीडिया पर “अनसर्टिफाइड” सलाह का बाजार कम होगा, लेकिन इसके साथ एक बड़े बदलाव का डर भी है: आत्म-निर्मित क्रिएटर्स, जन-भावना सम्बन्धी कंटेंट निर्माता और लोक-स्टाइल इंफ्लुएंसर्स को स्थान कम मिल सकता है।

सामाजिक और डिजिटल प्रभाव

  • इस नए नियम से सोशल-मीडिया की खुली बातचीत और जन-आधारित क्रिएशन पर सवाल खड़ा हो गया है।
  • एक ओर जहाँ जानकारी की गुणवत्ता बढ़ सकती है, वहीं दूसरी ओर वह क्रिएटर्स जिनके पास पेशेवर डिग्री-लाइसेंस नहीं है, अब “प्रोफेशनल Advice” देने से वंचित हो सकते हैं।
  • सोशल-मीडिया का वह “जन-स्थल” जहाँ लोग अपनी जिंदगी के अनुभव, टिप्स, स्टोरीज़ साझा करते थे, आज “प्रमाण-मंत्र” वाली जगह बन सकती है।

आलोचक कह रहे हैं कि यह शासन-नियंत्रण (state control) की दिशा में एक कदम हो सकता है — जहाँ दृष्टिकोण, राय या अनुभव की जगह केवल डिग्री-धारी विशेषज्ञों की आवाज तक सीमित हो जाए।  चीन का यह नया कानून एक संकेत है कि डिजिटल-दुनिया में ‘विश्वसनीयता’ और ‘जवाबदेही’ कौन तय करेगा — क्रिएटर या प्लेटफॉर्म या सरकार।

अगर सही तरीके से लागू हुआ, तो यह नियम लोगों को गलत-सलाह से बचा सकता है। लेकिन यदि सीमाबद्ध रूप से इस्तेमाल हुआ, तो यह स्वतंत्र विचार, क्रिएटिविटी और जन-आवाज के लिए चुनौती भी बन सकता है। सोशल-मीडिया यूजर के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है — सलाह लेने से पहले पूछें: “क्या मुझे वह व्यक्ति सलाह दे रहा है जिसकी प्रमाण-योग्यता है। आपकी इस बारे में क्या राय है?आपके देश में ये कानून होना चाहिए?नीचे कमेंट करके बताएं।

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