6 साल बाद ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात : क्या पिघलेगा अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर का बर्फ़?

अमेरिका-चीन

अमेरिका-चीन के बीच छह साल से जमे बर्फ़ जैसे रिश्तों में हल्की गर्माहट लौटती दिख रही है। लगभग 6 साल के लंबे अंतराल के बाद, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक अहम बैठक हुई। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक तनाव (Trade War) को कम करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, बैठक का मुख्य एजेंडा व्यापार सौदों को संतुलित करना और टैरिफ विवादों को सुलझाना था। ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल (2017-2021) में दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेद चरम पर पहुंच गए थे, जब अरबों डॉलर के सामान पर भारी टैरिफ (Import Duties) लगा दिए गए थे। इसका असर न सिर्फ़ अमेरिका और चीन पर, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ा था।

यह मुलाकात खास इसलिए भी है क्योंकि ट्रंप अब अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं हैं। बताया जा रहा है कि वे अपनी एशिया यात्रा के दौरान बीजिंग पहुंचे और वहीं शी जिनपिंग से आमने-सामने चर्चा की। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक ट्रंप की वैश्विक मंच पर वापसी और संभावित 2028 अमेरिकी चुनाव में उनकी दावेदारी के संकेत के रूप में देखी जा रही है।

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बैठक में प्रौद्योगिकी, बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) और अमेरिकी कंपनियों को चीनी बाजार तक बेहतर पहुंच जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच संवाद का एक नया रास्ता खुला है।

विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल किसी बड़े समझौते की उम्मीद नहीं है, लेकिन यह मुलाकात अमेरिका-चीन संबंधों में कूटनीतिक बातचीत की बहाली का संकेत देती है।

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